ऊर्जा विभाग का बड़ा फैसला, 35 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाले बिजली कंपनी कर्मचारियों को मिलेगा चतुर्थ वेतनमान
सरकारी कर्मचारी की तरह बिजली कंपनी कर्मचारी को भी मिलेगा लाभ, बेहतर सेवा कर बिजली कंपनी की अच्छी इमेज बनाएं : ऊर्जा मंत्री
भोपाल (आरएनआई) मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने बिजली कम्पनियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है, विभाग ने 35 वर्ष पूरा करने पर बिजली कंपनी के कर्मचारियों को चतुर्थ वेतनमान दिए जाने का निर्णय लिया है, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज पॉवर इंजीनियर्स एण्ड एम्पलॉइज एसोसिएशन के साथ की चर्चा करते हुए ये जानकारी भी दी उन्होंने अपील की कि बेहतर सेवा कर बिजली कंपनी की अच्छी इमेज बनाएं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह पॉवर इंजीनियर्स एण्ड एम्पलॉइज एसोसिएशन एवं भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा कि आप सभी बेहतर सेवा कर बिजली कंपनी की अच्छी इमेज बनाएं। कंपनी की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करें। उपभोक्ताओं के फोन सभी बिजली कर्मचारी एवं अधिकारी उठाएं। मंत्री ने कहा कि वे उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर जरूरी कार्यवाही करेंगे।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा अपने कर्मचारियों को 35 वर्ष पूर्ण होने पर चतुर्थ वेतनमान घोषित किया गया था। इसी के अनुरूप यह निर्णय लिया गया है कि इस आदेश को सभी कंपनियों में लागू किया जाये, जिससे 35 वर्ष पूर्ण कर चुके अधिकारियों/कर्मचारियों को उसका लाभ मिल सके। इसी प्रकार, कंपनी कैडर के अधिकारियों के दूसरे उच्च वेतनमान में अधीक्षण अभियंता समकक्ष की विसंगति, ओ-3 स्टार के रूप में थी, उसको भी समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने संगठन के पदाधिकारियों द्वारा प्रस्तुत मांग-पत्र के बिन्दुओं पर पृथक-पृथक चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन मांगों पर कार्य-योजना बनाकर क्रमबद्ध निर्णय लेंगे। मंत्री ने कहा कि कैशलेस हेल्थ इन्श्योरेंस के संबंध में कर्मचारियों से चर्चा कर अतिशीघ्र निर्णय लिया जाएगा। बैठक में वेतन विसंगति, नियुक्ति, वर्षों से लंबित नाइट शिफ्ट अलाउंस आदि बेनिफिट, विद्युत अधिकारियों/कर्मचारियों की सुरक्षा और बिजली कंपनियों में चालू प्रभार वरिष्ठता के आधार पर देने के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव एवं पॉवर इंजीनियर्स एण्ड एम्पलॉइज एसोसिएशन और भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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