ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में बिजली कंपनी अफसरों की मनमानी से जनता परेशान, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स ने लिखा पत्र

May 22, 2024 - 21:35
May 22, 2024 - 21:36
 0  2.6k
ऊर्जा मंत्री के गृह जिले में बिजली कंपनी अफसरों की मनमानी से जनता परेशान, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स ने लिखा पत्र

ग्वालियर (आरएनआई) ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर में बिजली कंपनी के अफसरों की मनमानी से जनता परेशान है,  विद्युत अधिनियम की धारा 126 एवं 135 के तहत उपभोक्ता के परिसर की जाँच के दौरान नियमानुसार बनाया जाने वाला पंचनामा बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं दे रहे और मनमाना बिल बनाकर थमा रहे हैं, जनता की परेशानी को देखते हुए मप्र चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ग्वालियर आगे आई है , MPCCI के अधिकारियों ने अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा है।

उपभोक्ता को नहीं मिल रही पंचनामे की कॉपी 
आपको बता दें कि बिजली कंपनी के अधिकारियों को ये अधिकार है कि वे विद्युत अधिनियम की धारा 126 एवं 135 के तहत उपभोक्ता के परिसर की जाँच कर सकते हैं और उसके घर के लोड को चैक कर सकते हैं, बिजली चोरी मिलने पर  प्रकरण बना सकते हैं लेकिन इस दौरान उन्हें एक पंचनामा बनाना होता है जिसकी एक कॉपी उन्हें उपभोक्ता को भी देनी होती है , पहले पंचनामा देने की व्यवस्था थी लेकिन पिछले कुछ महीनों से अफसर मनमानी पर उतार आये हैं और पंचनामे की कॉपी उपभोक्ता को नहीं दे रहे। 

मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक कई बार चैकिंग के दौरान घर में उपभोक्ता के घर का वरिष्ठ या समझदार सदस्य नहीं होता है, जब वो घर आता है और यदि उसे चैकिंग दल की बिलिंग पर कोई संदेह होता है तो वो आवेदन देकर इसकी शिकायत कर सकता है ये उसका अधिकार है लेकिन पिछले कुछ महीनों से उपभोक्ता ऐसा नहीं कर पा रहा उसे मनमानी बिलिंग का शिकार होना पड़ रहा है।

मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र 
चैंबर अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल, उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष डॉ राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने इस पर कड़ी आपत्ति और नाराजगी जताई है और बिजली कंपनी के अफसरों की इस हरकत के बारे में एक पत्र ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न  सिंह तोमर को लिखा है।   

चैंबर पदाधिकारियों ने लिखा कि वर्तमान में चैकिंगअधिकारियों का रवैया इस मामले में तुगलकी नजर आता है उसका प्रमुख कारण चैकिंग दल द्बारा पंचनामे की प्रति उपभोक्ता को उपलब्ध नहीं कराई जाती है और न ही चैकिंग दल के ऑब्जर्वेशन के आधार पर की गई बिलिंग की डिटेल दी जाती है, जिससे उपभोक्ता समझ नहीं पाता है कि उसे किस अनियमितता की कितनी राशि मांग की जा रही है जो स्पष्टत: मोनोपॉली के दुरूपयोग की श्रेणी में आता है, जिससे उपभोक्ताओं में तेजी से असंतोष पनप रहा है। वहीं वितरण कंपनी की इस अनीति पूर्ण कार्यवाही से शासन की छवि खराब हो रही है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि उपभोक्ता के परिसर में किसी भी स्थिति में चाहे वह धारा 126/135/सामान्य चैकिंग की स्थिति में पंचनामे की प्रति उपभोक्ता को दी जाये क्योंकि कई बार चैकिंग उपभोक्ता की अनुपस्थिति में होती है तथा वास्तविक स्थिति पंचनामे पर नहीं आ पाती है, जिससे उपभोक्ता यदि उचित समझता है तो अपनी बात साक्ष्य सहित रख सकता है। इससे मामला लंबित न हो और कंपनी को राजस्व का नुकसान न हो। इसके लिए आपत्ति प्रस्तुत करने की समय सीमा उपभोक्ता को पंचनामा प्राप्ति दिनांक से अधिकतम 7 दिवस की जा सकती है।

चैंबर पदाधिकारियों ने कहा  पंचनामे के उपरांत की गई बिलिंग जिसे प्रारूप-5 कहते हैं, उसकी एक प्रति उपभोक्ता को समस्त बिलिंग डिटेल के दी जाये जिससे उपभोक्ता को यह स्पष्ट हो कि जो अनियमितता उसके यहां पाई गई है, उसकी बिलिंग विधि अनुसार दिये गये प्रावधानों के अनुसार ही है, जिसे पूर्व में अनंतिम आदेश कहा जाता था। इसी तरह इस अनंतिम आदेश को जारी करने के बाद उपभोक्ता को प्राप्त होने की तिथि से कम से कम 7 दिवस का समय उपभोक्ता को दिया जाए ताकि पंचनामे में वर्णित स्थिति वास्तविकता से भिन्न हो तो वह साक्ष्य सहित अपना आवेदन प्रस्तुत कर सके। इस प्रकार की गई कार्यवाही पूर्णत: न्यायपूर्ण हो सके।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow