उर्वरक वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान जमाखोरी/कालाबाजारी करने पर की जायेगी सख्त कार्यवाहीः-एमपी सिंह
हरदोई ( आरएनआई)जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया है कि रबी फसलों की बुवाई हेतु उर्वरक समय पर उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन कटिबद्ध है। जनपद में रबी सीजन के अन्तर्गत फास्फेटिक उर्वरक (डी०ए०पी० एवं एन०पी०के०) 16221 मी०टन का वितरण सहकारी एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से किया जा चुका है। जनपद में डी०ए०पी० का कुल स्टाक 5683 मी०टन एवं एन०पी०के० का स्टाक 5886 मी० टन है। उपलब्ध स्टाक का वितरण कृषको के मध्य उनकी जोत एवं फसल की सस्तुत मात्रा के अनुसार किया जा रहा है तथा माह नवम्बर 2024 में 11650 मी०टन डी०ए०मी० उर्वरक की माँग की गयी है। जिसकी आपूर्ति अगले सप्ताह से होना प्रारम्भ हो जायेगी। सभी निजी एवं सहकारी उर्वरकों विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि कृषकों को उर्वरक का वितरण सुचारू रूप से किया जाये, यदि किसी प्रकार के ओवर रेटिंग एवं कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त होती है तो सम्बन्धित उर्वरक विक्रेता के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुये सीधे जेल भेजने की कार्यवाही की जायेगी। विगत 07 नवम्बर को बी पैक्स फतियापुर के सचिव के द्वारा उर्वरक वितरण में अनियमितता बरते जाने की शिकायत प्राप्त होने पर बी पैक्स फतियापुर के सचिव सूरजबली के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 व बी०एन०एस० 316 (5) के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत करा दिया गया है। इसके अतिरिक्त विकास खण्ड सण्डीला के ग्राम टिकरा दाउदपुर में तीन व्यक्तियों द्वारा नकली डी०ए०पी० निर्माण एवं उसके बिक्री की जा रही है, जिनके विरूद्ध सण्डीला कोतवाली मे आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7, कापीराइट एक्ट एवं अन्य धाराओ मे अभियोग पंजीकृत कराया गया है। इसलिये सभी निजी एवं सहकारी क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं को आदेशित किया जाता है कि किसानो को उर्वरक वितरण सुचारू रूप से करे, किसी प्रकार की शिकायत न आये। पी०ओ०एस० मशीन में उपलब्ध स्टाक एवं मौके पर उपलब्ध स्टाक समान होना चाहिये, यदि अनियमितता पाई जाती है तो विधिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उर्वरक वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान यथा जमाखोरी/कालाबाजारी करने पर तत्काल विधिक प्रक्रिया सम्पादित करके सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उर्वरकों का वितरण कृषकों को सुचारू रूप से करने के लिये प्रतिदिन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारियों तथा जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा भ्रमण किया जा रहा ताकि मंाग एव वितरण में यदि कोई समस्या हो तो उसे दूर किया जा सके। कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी संस्थाओं पर प्रतिदिन भ्रमण कर रहे है। उर्वरकों के वितरण हेतु कृषको की समस्याओं के समाधान एवं उन्हें उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु जनपद स्तर पर डेडीकेटेड कन्ट्रोल रूम नम्बर 9695588008 एवं 8960717008 स्थापित है। जिनपर सूचित करने के उपरान्त कृषक समस्या का त्वरित निस्तारण कराया जा रहा है। सभी पी०सी०एफ० केन्द्रों एवं साधन सहकारी समितियों पर सुचारू रूप से उर्वरक वितरण किये जाने हेतु स्टेटिक अधिकारी/पर्यवेक्षणीय अधिकारी/नोडल अधिकारी नामित किये गये है। समस्त पी०सी०एफ० केन्द्र प्रभारियों एवं साधन सहकारी समितियों के सचिवों को आदेशित कर दिया गया है कि केन्द्र एवं समिति पर उर्वरक समाप्त होने से पूर्व ही उर्वरक की माँग जिला प्रबन्धक पी०सी०एफ० एवं सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता हरदोई को समय से उपलब्ध कराये ताकि ससमय उर्वरक की उपलब्धता केन्द्र/समिति पर सुनिश्चित हो सके। फास्फेटिक एवं नत्रजन उर्वरको के अनावश्यक भण्डारण/कृत्रिम कमी इत्यादि को रोके जाने हेतु सम्बन्धित तहसील के उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक सचल दल का गठन किया गया है. जिनके द्वारा लगातार उर्वरक उपलब्धता एवं अनावश्यक भण्डारण/कृत्रिम कमी पर सतत निगरानी बनाये हुये है। निजी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली खुदरा उर्वरक बिकी केन्द्रों पर भी क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है, जिनके द्वारा उर्वरक का वितरण कराया जा रहा है। जनपद के समस्त थोक उर्वरक विकेताओं की बैठक कर निर्देशित किया गया कि विभिन्न कम्पनियों से सम्पर्क कर फास्फेटिक उर्वरक की रैक जनपद में लगवाये तथा खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के स्तर पर रियल टाइम उर्वरक का प्रेषण करना सुनिश्चित करे ताकि कृषको को आवश्यकतानुसार उर्वरक की प्राप्ति हो सके। जनपद में उर्वरक उपलब्ध कराने वाली समस्त उर्वरक प्रदायकर्ता कम्पनी प्रतिनिधियों की बैठक कर उन्हें निर्देशित किया गया कि कृषि निदेशालय उ०प्र० द्वारा निर्गत फास्फेटिक उर्वरक आवंटन प्लान के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति जनपद को कराना सुनिश्चित करे। समस्त कृषक भाइयो को यह भी अवगत कराना है कि डी०ए०पी० के अन्तर्गत सभी कम्पनियों की डी०ए०पी० नाइट्रोजन 18 प्रतिशत एवं फास्फोरस 46 प्रतिशत पाया जाता है। इसलिये सभी कम्पनियों की डी०ए०पी० रबी फसलों के लिये लाभदायक है, न कि मात्र इफको। डी०ए०पी० के साथ साथ एन०पी० के० उर्वरक का भी प्रयोग करें। साथ ही यह भी सूचित करना है कि कृषक भाइयों को उनकी आवश्यकतानुसार उर्वरक की उपलब्धता बनी रहेगी। किसी भी प्रकार की अपवाहो/भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दे। बुवाई toके समय फसल एवं जोत के आधार पर ही उर्वरक क्रय करे।
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