उपभोक्ता आयोगों और खाद्य पदार्थों की जांच प्रयोगशालाओं का बजट में ध्यान रखा जाए - अखिल भारतीय ग्राहक पञ्चायत
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गुना (आरएनआई) उपभोक्ता आयोगों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाएं नहीं हैं साथ ही खाद्य पदार्थों की जांच हेतु प्रयोगशालाओं की भी बहुत कमी है, जिसके कारण खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच में और अमानक और मिलावटी पाये जाने पर कार्यवाही में बहुत समय लगता है जिसके कारण मानव जीवन और स्वास्थ्य से खिलवाड़ चलता रहता है। इसमें तेजी लाने के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ायी जाए और चलित प्रयोगशालाओं की संख्या भी बढ़ाई जाए। उक्त सुझाव अखिल भारतीय ग्राहक पञ्चायत की ओर से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री अलंकार वशिष्ठ ने दिनांक 23 जनवरी को नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी भोपाल में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के नेतृत्व में बजट पर संवाद पर सम्पन्न कार्यक्रम में दिये। जैविक कृषि को प्रोन्नत करने, सौर उर्जा में सब्सिडी बढाने और रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर प्राकृतिक व पर्यावरण अनुकूल कीटनाशकों के अनुसंधान, उत्पादन और उपयोग को प्रोन्नत करने के के लिए बजट प्रावधान का सुझाव भी ग्राहक पञ्चायत की ओर से दिया गया। अलंकार वशिष्ठ ने बताया कि सरकार की सफलता और कुशलता समस्या व शिकायत समाधान प्रणाली की सुदृढता के आधार पर ही तय होता है। ग्राहक क्षेत्र में कुछ समस्याओं का समाधान ऑनस्पॉट और कुछ का अतिशीघ्र अपेक्षित होता है। इसलिए शासन के समस्त विभागों के समन्वयन में एक उत्तरदायी व सुदृढ समस्या व शिकायत समाधान प्रणाली के गठन व खद्य पदार्थों की जांच हेतु प्रयोगशालाओं की संख्या में विस्तार की आवश्यकता की ओर ध्यानाकर्षित किया। ग्राहक पंचायत ने ग्राहक समस्या/ शिकायत निवारण तंत्र को सुदृढ बनाने के साथ ही जीवन को प्रभावित करने वाले विभिन्न विषयों पर बजट प्रावधानों का सुझाव दिया। खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच हेतु प्रयोगशालाओं की स्थापना और चलित प्रयोगशालाओं की संख्या में विस्तार, स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी कम करने, फसल बीमा में फलोद्यानों को सम्मिलित करने, जैविक कृषि को प्रोन्नत करने, सौर उर्जा में सब्सिडी बढाने और रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर प्राकृतिक व पर्यावरण अनुकूल कीटनाशकों के अनुसंधान, उत्पादन और उपयोग को प्रोन्नत करने के के लिए बजट प्रावधान का सुझाव दिया। इस संवाद कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने-अपने सुझाव दिये।
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