उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही; यमुनोत्री धाम में अस्थायी पुल टूटा

भारी बारशि ने उत्तराखंड, गुजरात सहित मुंबई तीनों राज्यों में काफी तबाही मचाई है। बारिश के कारण उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम में अस्थायी पुल टूट गया।

Jul 27, 2024 - 06:00
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उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही; यमुनोत्री धाम में अस्थायी पुल टूटा

उत्तरकाशी (आरएनआई) मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड से गुजरात और महाराष्ट्र तक भारी तबाही मची है। पिछले 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम और उसके अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी पर कहर टूटा है। यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया है और यमुनोत्री मंदिर परिसर के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचा है। वहीं, गुजरात के नवसारी और महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गई हैं। कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और करीब 4,000 से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

उत्तरकाशी के यमुनोत्री क्षेत्र में बृहस्पतिवार रात करीब 12 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश शुक्रवार सुबह तक जारी रही। इससे भूस्खलन और यमुना का जल स्तर बढ़ने से यमुनोत्री मंदिर परिसर सहित अस्थायी पुल, सुरक्षा दीवार, रसोई और पुरोहित सभा कक्ष को नुकसान पहुंचा है। जानकीचट्टी बस पार्किंग में पानी व मलबा घुसने से तीन खच्चर बह गए, जबकि एक बाइक मलबे में दब गई। यमुनोत्री धाम से जानकीचट्टी तक आते-आते यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया था।

बस पार्किंग के आसपास बने ढाबों में मौजूद लोगों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। शाम तक नदी का जलस्तर तो कम हो गया, लेकिन जानकीचट्टी बस पार्किंग बोल्डर और मलबे से भर गई है।

यमुनोत्री पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया, नदी के उफान पर आने से भोग बनाने के लिए बनाया गया रसोई घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, एसडीआरएफ के जिला प्रभारी निरीक्षक जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण ने बताया, यमुनोत्री क्षेत्र में एसडीआरएफ की टीम तैनात है, जिसने बृहस्पतिवार रात को ही खतरे वाली जगहों से लोगों को हटा दिया था।

रुद्रप्रयाग के गौंडार गांव में बृहस्पतिवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से सरस्वती (मोरकुंडा) नदी पर बना अस्थायी पुल बह गया, जिससे द्वितीय केदार मद्महेश्वर का गौंडार सहित तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। उधर, पुल बहने से बणतोली से मंदिर तक 106 यात्री फंस गए। जिला प्रशासन ने दो हेलिकॉप्टर की मदद से नानू स्थित अस्थायी हैलीपैड से सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर रांसी पहुंचाया। यहां से सभी यात्री अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं।

भारत-चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान दुर्गा चौक भानियावाला निवासी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के निरीक्षक चंद्रमोहन सिंह नेगी बलिदान हो गए। हिमाचल प्रदेश में अस्थायी पुल बनाकर साथियों को नाला पार कराते समय पांव फिसलने से गिर गए और नाले के तेज बहाव में आकर बोल्डर की चपेट में आ गए। बलिदान की सूचना मिलने के बाद जौलीग्रांट में शोक की लहर दौड़ गई है। 27 जुलाई को उनके पार्थिव शरीर को लाने की संभावना है।

चंद्रमोहन सिंह नेगी (55) 17 बटालियन आईटीबीपी में तैनात थे। जो इन दिनों हिमाचल प्रदेश के रिकांग पियो में स्पीति घाटी लाहौल में भारत पोस्ट पर तैनात थे। अस्थायी पुल बनाने के बाद बृहस्पतिवार शाम अपने जवानों को नाला पार कराते समय गिर गए। जवानों ने उन्हें करीब 100 मीटर की दूरी से बाहर निकालकर सुमदो आर्मी अस्पताल पहुंचाया, जहां बलिदान हो गए।  

मूल रूप से तल्ली कांडई, पौड़ी गढ़वाल निवासी नेगी परिवार के साथ दुर्गा चौक, जौलीग्रांट वार्ड सात में पिछले 20 वर्षों से रह रहे थे। उनके परिवार में उनका बेटा गौरव, बेटी दीक्षा औरपत्नी विमला नेगी हैं। बलिदानी के छोटे भाई देवेंद्र नेगी डोईवाला कोतवाली में कार्यरत हैं।

देवेंद्र नेगी ने बताया, चंद्रमोहन 17 साल की उम्र में आईटीबीपी में भर्ती हो गए थे। शनिवार सुबह पार्थिव शरीर भनियावाला पहुंचने की संभावना है। आईटीबीपी के पीआरओ राजीव नेगी ने कहा कि मौसम खराब होने के कारण बलिदानी के पार्थिव शरीर को हवाई मार्ग से लाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिण गुजरात में पिछले 24 घंटे के दौरान हुई भारी बरसात से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नवसारी जिले से गुजरने वाली पूर्णा नदी खतरे के निशान 23 फुट से पांच फुट ऊपर बह रही है। जिला कलेक्टर क्षिप्रा एस अग्रे ने बताया कि कई निचले इलाकों में पानी भर गया है जिसके चलते 2,200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

 पड़ोसी तापी जिले से भी 500 लोगों को जलभराव वाले इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। नवसारी में 70 आंतरिक और चार मुख्य सड़कों को पानी भर जाने से बंद करना पड़ा है। दोनों जिलों के कुछ इलाकों में 173 एमएम तक बारिश हुई है।

बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। सौराष्ट्र के तटीय जिलों देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर में पिछले पांच दिनों से भारी बारिश के चलते जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई और आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।

 गुजरात में मूसलाधार बारिश के बीच  नवसारी जिले में  काफी जलभराव हो गया है। जिससे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को जिले के बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को निकालने का काम सौंपा गया है। जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने यहां जलमग्न इलाकों में 30 लोगों को बाहर निकाला। इसमें एक बीमार महिला और एक बच्चा भी शामिल है।  एनडीआरएफ की टीम अभी भी बचाव काम में जुटी हुई है।

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