उत्तर पश्चिम भारत में आंधी-ओलावृष्टि का कहर; कई राज्यों में गरज के साथ हल्की बारिश के आसार
देश के कई हिस्सों में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। मौसम के मिजाज में एक बार फिर आए बदलाव के बाद हवाई यातायात प्रभावित होने की खबर है। उत्तर पश्चिम भारत में आंधी और ओलावृष्टि के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर बिजली के तार टूटे हैं। कई राज्यों से वाहनों को नुकसान की खबर भी आई है।

नई दिल्ली (आरएनआई) उत्तर पश्चिम भारत में आंधी-ओलावृष्टि का कहर दिखा है। मौसम विभाग के मुताबिक कई राज्यों में गरज के साथ हल्की बारिश के आसार हैं। जम्मू-कश्मीर में तेज हवाओं के कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा है। कई जगहों पर पेड़ गिरने और तार टूटने के कारण बिजली सप्लाई बाधित होने की खबर है। पिछले दो दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी के बीच शुक्रवार को उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अलग-अलग जगहों पर तूफानी और तेज हवाएं चलीं। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई। तेज हवा के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुईं और नौ उड़ानों को रद्द करना पड़ा। मौसम विभाग ने अगले दो दिन में इन इलाकों में अधिकतम तापमान में 2-5 डिग्री तक गिरावट आने की संभावना जताई है।
निचले क्षोभमंडल स्तरों पर उत्तर आंतरिक कर्नाटक से दक्षिण तमिलनाडु तक भी कम दबाव का क्षेत्र बना है। इसके प्रभाव से 29 मार्च से 1 अप्रैल के बीच मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर बिजली गिरने की भी संभावना है। इस दौरान 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में भी गरज के साथ मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तक पिछले 24 घंटे के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों और उत्तर प्रदेश में तूफानी और तेज हवाएं चलीं। वहीं, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हुई। इसके प्रभाव से शनिवार को भी इन इलाकों में 20-30 किमी की रफ्तार से सतही हवाएं चलने की संभावना है। बिहार से पूर्वोत्तर असम तक निचले क्षोभमंडल में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है।
श्रीनगर समेत कश्मीर के कई हिस्सों में 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवाओं के कारण श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नौ उड़ानों को रद्द करना पड़ा। दो को दूसरी जगह भेजना पड़ा और कई उड़ानों में देरी भी हुई। घाटी में कई हिस्सों में खंभे और तार टूटने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। पेड़ गिरने से कई मकानों की छतों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने पर्यटकों को डल झील में न जाने की सलाह दी है। मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर के निदेशक डॉ. मुख्तियार अहमद ने बताया कि उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में पिछले दो दिन से तेज हवाएं चल रही हैं, जिसका कश्मीर में दिखा।
प्रशासन ने अगले 24 घंटों के दौरान गांदरबल और कुपवाड़ा जिलों में 2,300 मीटर से ऊपर वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन की आशंका जताई है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने, हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में जाने से बचने तथा हिमस्खलन मार्ग के निकट असुरक्षित बस्तियों को खाली करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने सहायता के लिए 112 डायल करने के लिए कहा है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित प्रदेश के सभी क्षेत्रों में शुक्रवार को मौसम साफ रहा। ऊना में अधिकतम तापमान 35 डिग्री पहुंच गया है। मैदानी जिलों के साथ पहाड़ी क्षेत्र भी अब गर्मी से तपना शुरू हो गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने तीन अप्रैल तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। शुक्रवार को शिमला में अधिकतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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