उत्कृष्ट शिक्षा और रोजगार का अद्भुत संगम है जीएलए विश्वविद्यालय
जीएलए के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल की प्रेरणा से शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है विश्वविद्यालय । (डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

मथुरा (आरएनआई) ब्रज का सुप्रसिद्ध जीएलए विश्वविद्याय समूचे देश के छात्र-छात्राओं की पहली पसंद है।जीएलए के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल की प्रेरणा से शिक्षा के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का शैक्षणिक लक्ष्य शैक्षिक तथा व्यावसायिक क्षेत्रों में नवीनतम शैक्षिक अनुसंधान व तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए श्रेष्ठता के नये मापदण्ड स्थापित करना है।आज हर क्षेत्र में अनन्त सम्भावनाएँ उपलब्ध हैं। इन सम्भावनाओं को साकार कर आज का युवा न केवल स्वयं सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है, बल्कि देश-समाज और मानवता के हित में भी बहुत कुछ कर सकता है। बात है सिर्फ उचित मार्गदर्शन और सही अवसर की।
जीएलए विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को सर्वश्रेष्ठ दिशा-निर्देशन तथा आधुनिकतम तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ पूरी तरह सही अवसर उपलब्ध कराने को दृढ़ संकल्पित है। आगरा-मथुरा-दिल्ली हाईवे एनएच-19 के बीचों बीच शोर-शराबे से दूर, प्रदूषण मुक्त एवं हरी-भरी भूमि पर स्थापित मथुरा का जीएलए विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के शैक्षिक इतिहास में सही अर्थों में एक मील का पत्थर है।
वर्तमान समय में हर शैक्षणिक संस्था के लिए यह अनिवार्य हो चुका है कि वह अपने सभी छात्रों को उनके चुने हुए पसंदीदा क्षेत्र का आधुनिकतम शैक्षिक तकनीकी ज्ञान तथा अनुसंधान उपलब्ध कराये। साथ ही उनके मानसिक व रचनात्मक स्तर को भी सर्वश्रेष्ठ ढंग से विकसित करे। जीएलए विश्वविद्यालय ने प्रारम्भ से ही इस तथ्य को अपने स्वैच्छिक तथा आधारभूत सिद्धान्त के रूप में अपनाया है। यही कारण है कि जीएलए विश्वविद्यालय में हर ब्रान्च, हर विषय का पाठ्यक्रम श्रेष्ठत्ता के सभी मापदण्डों पर खरा उतरने के साथ-साथ छात्रों में सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक सोच को भी विकसित करता है।
किसी भी विषय को सीखने-समझने के लिए अलग-अलग तरीके होते हैं। किसी छात्र को कोई विषय सुनकर अच्छी तरह समझ आता है, किसी छात्र को पढ़कर समझ आता है, किसी छात्र को वही विषय डिस्कशन के द्वारा समझ आता है, तो वहीं किसी छात्र को उस विषय पर पूछे गये प्रश्नों को हल करके। इसी प्रकार कुछ छात्रों को कोई विषय 'प्रोजेक्ट एक्टिविटि' के द्वारा तथा कुछ को उस 'विषय' से सम्बन्धित प्रयोगों को स्वयं प्रयोगशाला में, वास्तविक रूप से करके ही समझ आता है। जीएलए विश्वविद्यालय ने अपने सभी विषयों व पाठ्यक्रमों में शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए इन विधियों-तरीकों को निष्पक्ष रूप से अपनाया है।ताकि हर छात्र अपनी रूचि के अनुरूप अपने विषय शाखा में पारंगत हो सके।
विश्वस्तरीय तथा सुविख्यात संस्थानों जैसे कि आईआईटी, एनआईआईटी से जुड़े रह चुके युवा शोधार्थियों तथा अनुभवी शिक्षक विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह शिक्षक न केवल लैक्चर तक ही सीमित है, बल्कि हर पक्ष हर बिन्दु को पूरी तरह व्यावहारिक तथा प्रायोगिक ढंग से समझाते हैं।जिससे छात्र-छात्राऐं अपने विषयों पर गहराई तक पूरी पकड़ प्राप्त कर सकें।विश्वविद्यालय का मूल मन्त्र 'परफैक्ट टीचिंग के साथ-साथ परफैक्ट लर्निंग' भी है।
जीएलए ऑनलाइन: जीएलए विश्वविद्यालय में दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा केंद्र (सीडीओई) बीबीए, बीसीए, बी.कॉम, एमबीए और एमसीए जैसे यूजीसी मान्यता प्राप्त / हकदार ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम प्रदान करता है।
सेंट्रल लाइब्रेरी: जीएलए यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी सिस्टम में 15 लाइब्रेरी नेटवर्क शामिल हैं, यानी सेंट्रल लाइब्रेरी, ग्रेटर नोएडा कैंपस लाइब्रेरी, इंस्टीट्यूट लाइब्रेरी, डिपार्टमेंटल लाइब्रेरी और हॉस्टल लाइब्रेरी जो सामूहिक रूप से यूनिवर्सिटी के शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं। वर्तमान में पुस्तकालयों में एक लाख 99 हजार 230 से अधिक मुद्रित पुस्तकें और 31 पत्रिकाएं, 1071 ई-जर्नल, विश्वकोश, 9 हजार 850 सीडी और ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कई ऑनलाइन डेटाबेस हैं। यूनिवर्सिटी के पास रिफ्रेड एनडीएल ऑफ इंडिया और डेवलपिंग लाइब्रेरीज नेटवर्क आदि के माध्यम से पांच करोड़ से अधिक ई-बुक्स, थीसिस, आर्टिकल्स, वीडियो और ऑडियो लेक्चर तक पहुंच है।
रैंकिंग और मान्यताएं :
जीएलए विश्वविद्यालय को 3.46 स्कोर के साथ प्रतिष्ठित एनएएसी ए प्लस ग्रेड से मान्यता प्राप्त है, जो भारत में सभी एनएएसी (नैक) ए प्लस मान्यता प्राप्त राज्य और निजी विश्वविद्यालयों के बीच उच्चतम स्कोर है। इसे यूजीसी से 12बी का भी दर्जा मिला है और यूजीसी, पीसीआई, एनसीटीई और बीसीआई द्वारा अनुमोदित है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय नवीनतम एनआईआरएफ इनोवेशन रैंकिंग 2024 में भारत के शीर्ष 53 फार्मेसी संस्थानों की लीग में शामिल हो गया है। इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, जीएलए यूनिवर्सिटी को वर्ष 2020 में आईएसीबीई मान्यता मिली है। वहीं एग्रीकल्वर विभाग को आईसीएआर से मान्यता मिली है। बिजनेस एजुकेशन के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (आईएसीबीई), यूएसए से मान्यता है।
आवासीय सुविधाएं:
आवासीय क्षेत्र या अधिक लोकप्रिय रूप से 'हॉस्टल विंग' के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्र विशेष रूप से लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग बनाए गए हैं। परिसर में 6000 से अधिक छात्र रहते हैं। अंशकालिक विशेषज्ञों के साथ-साथ पूर्णकालिक रेजिडेंट डॉक्टर्स।परामर्शदाता छात्र की मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं का ध्यान रखते हैं।
परिसर के भीतर 3 एटीएम के साथ इंडियन ओवरसीज बैंक की एक पूर्ण बैंक शाखा और एचडीएफसी बैंक की स्मार्ट लॉबी स्थापित है।
मुख्य विशेषताएं:
विश्वविद्यालय के 8 हजार 500 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित, 600 से अधिक पेटेंट प्रकाशित और 74 से अधिक पेटेंट ग्रांट हुए। 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एमओयू और 19.5 करोड़ से अधिक परियोजनाएं संचालित हैं।
आधिकारिक तौर पर जीएलए लॉन्च पैड के नाम पर इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए यूपीआईटी से वित्त पोषित एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए स्थापित है।
ये भारत का ऐसा 14वां संस्थान है जिसके पास न्यू जेनरेशन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट सेल (डीएसटी से वित्तीय सहायता के साथ न्यूजेन आईईडीसी) है।
छात्रों को कैंपस के बाहर स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जीएलए विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर में 65 स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटेड हैं। जिनमें से 12 स्टार्टअप को करीब 94 लाख रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है।
प्लेसमेंट :
500 से अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बीते सत्र के 3 हजार से अधिक छात्रों को प्लेसमेंट ऑफर मिल चुका है। 55 लाख से अधिक के पैकेज पर छात्रों को प्लेसमेंट ऑफर हुए।
एनजेयूएमए कंसल्टिंग, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, कैपजेमिनी, इंफोसिस, ड्रीम 11, एक्सेंचर, बायजूस और कई अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए जीएलए विश्वविद्यालय आती हैं। पिछले 5 वर्षों में 86% प्लेसमेंट, 6000 से अधिक अल्यूमिनाई विदेशों में सेवाएं दे रहे हैं। आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी कैपजेमिनी ने जीएलए में अपना कोड एक्सपीरियंस सेंटर खोला है।
वर्तमान शैक्षणिक सत्र के करीब 2100 से अधिक छात्रों का चयन 500 से अधिक कंपनियों में हो चुका है।
बीते वर्ष से जीएलए विश्वविद्यालय ने टॉप वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैकिंग में 501 से 600 रैंकिंग की सूची में जगह बनाई है।
जीएलए विश्वविद्यालय के अल्यूमिनाई सरकारी सेवा में उच्च पदों पर आसीन हैं :
जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषता और गर्व करने वाली बात यह है कि यहां के अल्यूमिनाई केन्द्रीय एवं प्रदेश स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी सेवा में उच्च पदों पर आसीन हैं। जिनमें विभिन्न कोसौं से शिक्षा ग्रहण कर चुके अल्यूमिनाई आइएएस 3, आइईएस 13, इंस्पेक्टर 9. आइआरएमएस 2, मेजर 7, साइंटिस्ट 15, पीसीएस 10, कमिश्नर 2, आइएफएस 1, आइपीएस 1, आइआरएस 2, एसडीएम 1, मेयर 1 हैं।
नामी गिरामी प्राइवेट कंपनियों में सेवाएं दे रहे हैं यहां के अल्यूमिनाई :
अमेजन, फेसबुक, गूगल, माइकोसॉफ्ट, एप्पल, नेसले, रिलाइंस, एडीडास, एचएसबीसी, हिताची, वाल्मार्ट, उएम, सिस्को, बैंक ऑफ अमेरिका आदि दिग्गज कंपनियों, डायरेक्टर, जीएम, एवीपी, फाउंडर, वाइस प्रेसीडेंट जैसे पदों पर नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
जीएलए खेलकूद में भी आगे :
जीएलए विश्वविद्यालय खेलकूद में भी हमेशा से आगे रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले बैडमिंटन, फुटबाल, वॉलीबाल, क्रिकेट, योगा सेंटर के अलावा एथलेटिक्स का ट्रेक है। यही कारण है कि जीएलए के छात्र राष्ट्रीय लेवल पर होने वाले खेलों में बेहतर प्रदर्शन के साथ मेड़लों पर कब्जा जमाते हैं। हाल ही में बीते दिनों हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानुपर में आयोजित इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में विभिन्न खेलों में 27 पदकों पर जीएलए विश्वविद्यालय ने अपना नाम दर्ज कराया है। एथलेटिक्स गोल्ड मेडल 12, सिल्वर मेडल 3, ब्रोंज मेडल 3. कबड्डी में गोल्ड मेडल, फुटबॉल में गोल्ड मेडल, बास्केटबॉल में गोल्ड मेडल, वॉलीबॉल में गोल्ड मेडल, टेबल टेनिस में गोल्ड मेडल, पावरलिफ्टिंग में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर, क्रिकेट में सिल्वर मेडल हासिल किया।
जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल मूलतः श्रीधाम वृंदावन के निवासी हैं। उनके सामाजिक सरोकार अत्यंत प्रबल है। वे विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए हैं। सहजता, सरलता, उदारता , परोपकारिता आदि सद्गुणों की वे खान हैं। परहित की भावना उनके रोम रोम में समाहित है। इसी सब की उपज है उनका ये विश्वविद्यालय। जिसकी स्थापना उन्होंने अपने पूज्य पिताश्री गणेशी लाल अग्रवाल की पुण्य स्मृति में की हुई है।
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