उच्चतम न्यायालय ने नोएडा व डीजेबी पर जुर्माना लगाने के एनजीटी के आदेश पर रोक लगाई
उच्चतम न्यायालय ने कोंडली सिंचाई नहर में अनुपचारित मलजल प्रवाहित करने पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर नोएडा पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी।
नयी दिल्ली, 28 नवंबर 2022, (आरएनआई)। उच्चतम न्यायालय ने कोंडली सिंचाई नहर में अनुपचारित मलजल प्रवाहित करने पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर नोएडा पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने वाले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी।
इसके साथ ही न्यायालय ने अनुपचारित मलजल यमुना नदी में गिराने पर रोक लगाने में नाकाम रहने पर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के एनजीटी के आदेश पर भी रोक लगा दी।
न्यायालय ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिसका आठ सप्ताह में जवाब दिया जाना है।
न्यायालय ने कहा कि अगले आदेशों तक नोएडा और डीजेबी पर क्रमशः 100 करोड़ रुपये एवं 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के एनजीटी के आदेश पर रोक रहेगी।
वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) की ओर से पेश हुए और एनजीटी के आदेश का विरोध किया।
न्यायालय ने नोएडा की अपील पर उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली की सरकारों के अलावा अन्य को नोटिस जारी किया और आठ सप्ताह के अंदर उनसे जवाब देने को कहा। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया कि वह एनजीटी के आदेश के केवल जुर्माना पहलू पर ही रोक लगा रही है।
एनजीटी ने अगस्त में नोएडा पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, क्योंकि वह अनुपचारित मलजल के प्रवाह को नियंत्रित करने में विफल रहा था और इससे यमुना नदी प्रदूषित हो रही थी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड पर भी 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
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