'ईसाई समुदाय को लेकर सवाल पूछे जाने चाहिए', इन मुद्दों के लेकर मोदी सरकार पर भड़के टीएमसी सांसद
शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईसाई समुदाय को लेकर मुश्किल सवाल पूछे जाने चाहिए।
नई दिल्ली (आरएनआई) टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के ईसाई समुदाय को लेकर मोदी सरकार से मुश्किल सवाल पूछे जाने चाहिए। साथ ही टीएमसी सांसद ने एफसीआरए और मणिपुर के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। टीएमसी सांसद ने ये आरोप ऐसे समय लगाए हैं, जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी क्रिसमस के मौके पर कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में शामिल हुए। शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईसाई समुदाय को लेकर मुश्किल सवाल पूछे जाने चाहिए।
शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईसाई समुदाय को लेकर मुश्किल सवाल पूछे जाने चाहिए। डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा कि, 'ये कठोर सवाल हैं जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछे जाने चाहिए। कई क्रिसमस बीत चुके हैं, अब जवाब मांगे जाने चाहिए। आपने क्रिसमस दिवस को 'सुशासन दिवस' में बदलने का प्रयास क्यों किया? आप ईसाई समुदाय द्वारा संचालित संस्थानों को खास तौर पर निशाना बनाने के लिए विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) को हथियार क्यों बना रहे हैं?'
टीएमसी सांसद ने पूछा कि 'आपने मणिपुर के लोगों को पूरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया है? आप संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाले धर्मांतरण विरोधी कानूनों को प्रोत्साहित और पारित क्यों कर रहे हैं? सरकार वक्फ विधेयक को आगे क्यों बढ़ा रही है और 'अल्पसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक' करने की कोशिश क्यों कर रही है, खासकर केरल में।' टीएमसी सांसद ने नफरती भाषणों की आलोचना न करने के लिए भी पीएम मोदी पर निशाना साधा।
टीएमसी सांसद ने सवाल उठाया कि 'भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 2014 से दो बार संयुक्त राष्ट्र की मान्यता क्यों खो दी? क्या आपको फादर स्टेन स्वामी याद हैं?' 84 वर्षीय आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्वामी की जुलाई 2021 में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद हृदय गति रुकने से पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'सार्वजनिक जीवन में अपने दो दशकों में, जिसमें संसद में तीन कार्यकाल शामिल हैं, मैंने कई विषयों पर कॉलम लिखे हैं, लेकिन भारत में चर्च पर कभी नहीं लिखा। यह पहली बार है। जब इसके बारे में लिखने की जरूरत महसूस हुई। इस विषय पर और अधिक चुप्पी मुझे दोषी ठहराएगी।' टीएमसी नेता ने कहा, 'ईसाई नेतृत्व को उन लोगों को बाहर निकालने के लिए एक स्टैंड लेना चाहिए, जो संविधान की रक्षा नहीं कर रहे हैं।'
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