137 करोड़ का अमरूद बाग घोटाला: ईडी ने पंजाब सरकार से मांगा आरोपियों और मुआवजा ले चुके किसानों का रिकॉर्ड

137 करोड़ का घोटाला गमाडा के एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट की जमीन के अधिग्रहण से जुड़ा है। इस मामले में पंजाब विजिलेंस अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। 

Aug 3, 2024 - 09:44
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137 करोड़ का अमरूद बाग घोटाला: ईडी ने पंजाब सरकार से मांगा आरोपियों और मुआवजा ले चुके किसानों का रिकॉर्ड

चंडीगढ़ (आरएनआई) ईडी ने पंजाब के 137 करोड़ रुपये के अमरूद बाग घोटाले मामले में जांच तेज कर दी है। ईडी जालंधर के सहायक निदेशक (एडी) विकास खत्री ने पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर अमरूद बाग घोटाले में विजिलेंस की जांच में सामने आए आरोपी अफसरों और गमाडा ने जिन किसानों को मुआवजा जारी किया था, उन सभी का रिकॉर्ड मांगा है।

एडी खत्री ने 66 लोगों को समन जारी किए हैं। ईडी ने इन आरोपी अफसरों के फोटो, बैंक खातों का ब्योरा, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट डिटेल्स देने के लिए कहा है। मामले की जांच में जुटे अफसरों की मानें तो ईडी का अगला कदम इन आरोपियों और किसानों के बैंक खातों को सीज करने के साथ ही पासपोर्ट अथॉरिटी से कहकर लिंक किया जाएगा, ताकि अमरूद बाग घोटाले से जुड़ा कोई भी आरोपी अफसर और जिन लोगों को मुआवजा जारी किया गया है, वह विदेश न भाग सके।

बीते 27 मार्च को ईडी ने इस घोटाले मामले में एक्साइज कमिश्नर वरुण रूजम और फिरोजपुर के डीसी धीमान के आवास समेत पंजाब में 22 स्थानों पर छापे मारे थे। मोहाली, पटियाला, बरनाला, फिरोजपुर, बठिंडा और चंडीगढ़ में रेड की गई थी।

इस मामले में पंजाब विजिलेंस पहले ही जांच कर रही है और अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी ने इन अफसरों के अलावा प्रदेश में कई प्रॉपर्टी डीलर, बिल्डर, कारोबारी और गमाडा के तत्कालीन अफसरों के घर पर भी दबिश दी थी। एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर वरुण रूजम के घर की तलाशी लेने के दौरान ईडी को उनके घर के बाहर एक गार्डन में कुछ दस्तावेज फाड़कर फेंके हुए बरामद हुए थे। इसी कड़ी में ईडी ने अब समन कर आरोपी अफसरों और मुआवजा लेने वालों का रिकॉर्ड मांगा है।

यह घोटाला ग्रेटर मोहाली डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) के एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट की जमीन के अधिग्रहण से जुड़ा है। गमाडा ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के मुताबिक प्रोजेक्ट के लिए रेट घोषित किया। जमीन पर लगे अमरूद के पेड़ों की कीमत अलग मुआवजे के तौर पर दी थी। जमीन पर जितने भी फलदार पेड़ थे, उनकी कीमत बागवानी विभाग की तरफ से निर्धारित की गई थी। गमाडा के अधिकारियों के साथ मिलकर इनकी उम्र 4 से 5 साल दिखाई गई। हाईकोर्ट ने मामले में अलग-अलग दोषी लाभार्थियों को कुल 72.36 करोड़ रुपये की रकम जमा करवाने का आदेश दिया, जिसमें से अब तक 43.72 करोड़ जमा करवाए जा चुके हैं। गमाडा की ओर से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर नियम से अधिक अमरूद के पौधे लगाए थे। आरोप है कि जिन लोगों ने जमीन पट्टे पर ली, उन लोगों ने प्रति एकड़ दो से ढाई हजार पेड़ दिखाए। आरोप यह भी है कि इन्होंने 2018 में जमीन पट्टे पर ली थी और तभी वहां अमरूद के पौधे लगाए। अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रिकॉर्ड में इन पौधों को 2016 से दिखाया गया।

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