इस तस्कर के 'ड्रग्स के साम्राज्य' को खत्म करने के लिए भारत का बड़ा अभियान
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, "हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स तस्करों में से एक है। वह हेरोइन, मेथाम्फेटामाइन और अन्य अवैध ड्रग्स को एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों तक सप्लाई करता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) इस वक्त भारत में नशीले पदार्थों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रहा है। खासकर ऑपरेशन सागर मंथन के अंतर्गत एनसीबी ने वांछित तस्कर और नशीले पदार्थों के सौदागर हाजी सलीम के पूरे साम्राज्य को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। खास बात यह है कि एजेंसी को यह काम खुद गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से सौंपा गया है।
'नशीले पदार्थों के सौदागर' के तौर पर पहचाने जाने वाले हाजी सलीम के खिलाफ इस अभियान को केंद्रीय गृह मंत्री शाह के ही निर्देशों पर शुरू किया गया। उन्होंने हाजी सलीम उर्फ हाजी बलूच की तस्करी की गतिविधियों को खत्म करने के साथ उसे पकड़ने के भी निर्देश दिए हैं। हाजी सलीम का नशीले पदार्थों की तस्करी का जाल पूरी दुनिया में फैला है।
इस अभियान के तहत अब तक सलीम के संगठन से सीधे तौर पर जुड़े 4000 किलो अवैध ड्रग्स को जब्त किया जा चुका है। इसके अलावा कई पाकिस्तानियों को भी इनकी तस्करी के मामले में पकड़ा गया है। माना जा रहा है कि हाजी सलीम का आपराधिक नेटवर्क भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए पाइपलाइन की तरह काम कर रहा है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक, "हाजी सलीम दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स तस्करों में से एक है। वह हेरोइन, मेथाम्फेटामाइन और अन्य अवैध ड्रग्स को एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों तक सप्लाई करता है।" सलीम कथित तौर पर तस्करों के एक ऐसे संगठन का सरगना है, जो कि मॉरिशस, श्रीलंका, मालदीव तक पहुंच बना चुका है। अमेरिका, मलयेशिया, ईरान, श्रीलंका, मॉरिशस, न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान तक कानूनी एजेंसियां उसकी खोज में जुटी हैं।
हिंद महासागर क्षेत्र में हाजी सलीम मोस्ट वॉन्टेड ड्रग्स का तस्कर है। उसका तस्करी का नेटवर्क काफी बड़ा है। उसका नेटवर्क नार्को-आतंक गतिविधियों से जुड़ा है, जो कि न सिर्फ समाज के लिए खतरा है, बल्कि इससे भारत के खिलाफ आतंकी अभियानों के लिए भी रकम जुटाई जाती है।
अधिकारियों का कहना है कि हाजी सलीम के ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा पहली बार 2015 में हुआ था, जब केरल के तट के पास करोड़ों के नशीले पदार्थ जब्त हुए थे। इसके बाद एनसीबी अधिकारियों ने बीते ढाई साल में ही 40 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए हैं। गिरफ्तारियों और जब्तियों के बावजूद सलीम ने तस्करी जारी रखी है और अपने लिए 'रक्तबीज' जैसा उपनाम भी बनाया है।
हाजी सलीम का संगठन समुद्र के जरिए ड्रग्स तस्करी के लिए एक खास तरीका अपना रहे हैं। वह अपने कार्गो में ऐसे नशीले पदार्थ भेज रहे हैं, जिनमें खास तरह के चिह्न हैं, ताकि उनकी पहचान आसानी से हो सके। बीते दिनों में जब्त किए गए तस्करी के माल में 777, 555, 999, उड़ता घोड़ा या बिच्छू जैसे चिह्नों के साथ कई तरह के ड्रग्स मिले हैं, जो कि सलीम के नेटवर्क से जुड़े होने की पहचान हैं।
सलीम का अधिकतर अवैध माल ईरान के जरिए भेजा जाता है। यह अफगानिस्तान और मलयेशिया होते हुए श्रीलंका तक पहुंचता है और यहां से छोटे जहाजों या नावों में लाद दिया जाता है। इन्हीं के जरिए नशीले पदार्थों को अधिकतर रात में भारत के तटीय क्षेत्र तक पहुंचाया जाता है।
अधिकारियों का कहना है कि हाजी सलीम का दाऊद इब्राहिम से करीबी संबंध हैं और उसे दाऊद के बंगले में आते-जाते देखा गया है। हालांकि, अधिकारियों के पास उसके बारे में दाऊद के घर के पास ही कराची के एक पते और कुछ पुरानी तस्वीरों के अलावा कोई जानकारी नहीं है।
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