'इतिहास मेरे प्रति अधिक दयालु होगा', प्रधानमंत्री पद छोड़ते हुए मनमोहन सिंह ने जताई थी उम्मीद
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश में शोक की लहर है। सभी उनके देश के प्रति किए गए तमाम योगदानों को याद कर रहे हैं। एक ऐसा ही वाकया उनके प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ था। जब उन्होंने कहा था कि- इतिहास मेरे प्रति अधिक दयालु होगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) 3 जनवरी, 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक टिप्पणी की थी, जो पिछले एक दशक में कई बार सोशल मीडिया पर चर्चा में रही है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा था, 'मैं ईमानदारी से मानता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा।'
ये प्रेस कॉन्फ्रेंस किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इस दौरान उनके सामने 100 से ज्यादा पत्रकार-संपादक बैठे थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनमोहन सिंह ने 50 से ज्यादा सवालों के जवाब दिए थे। 21वीं सदी की भारतीय राजनीति में ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सबसे अलग थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि- ''मैंने परिस्थितियों के अनुसार जितना कर सकता था, किया है... यह इतिहास को तय करना है कि मैंने क्या किया है और क्या नहीं किया है। मैं नहीं मानता कि मैं एक कमजोर प्रधानमंत्री रहा हूं...राजनीतिक मजबूरियों को देखते हुए, मैंने वह सर्वश्रेष्ठ किया है जो मैं कर सकता था।"
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई मौकों पर खुद कहा करते थे कि- वह सवालों से नहीं बचते। प्रधानमंत्री पद से हटने के कई साल बाद 2018 में मनमोहन सिंह ने कहा भी था- 'मैं निश्चित रूप से ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता हो। उन्होंने आगे कहा था कि, लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन मुझे उम्मीद है कि ये दौर, खासकर वे दो दौर जो प्रधानमंत्री के रूप में मेरे भाषणों से संबंधित हैं, खुद ही अपनी बात कहेंगे। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और जब भी मैं विदेश यात्रा पर जाता था, तो विमान में या विमान से उतरने के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।'
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