इंद्राणी की विदेश यात्रा से जुड़ी याचिका पर सीबीआई को नोटिस; सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
29 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को इंद्राणी मुखर्जी को झटका देते हुए विशेष अदालत के आदेश पर अनुमति पर लगी रोक को बढ़ा दिया था, जिसमें मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनके विदेश यात्रा करने की अनुमति पर रोक लगाई हुई है। हालांकि, सोमवार को शीर्ष अदालत ने मुखर्जी की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है।
इससे पहले 29 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को इंद्राणी मुखर्जी को झटका देते हुए विशेष अदालत के आदेश पर अनुमति पर लगी रोक को बढ़ा दिया था। जिसमें पूर्व मीडिया एक्जीक्यूटिव इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी। बता दें कि 19 जुलाई को विशेष सीबीआई अदालत ने जमानत पर रिहा इंद्राणी मुखर्जी को अगले तीन महीनों के दौरान बीच-बीच में 10 दिनों के लिए यूरोप (स्पेन और यूनाइटेड किंगडम) की यात्रा करने की अनुमति दी थी।
सीबीआई के अधिवक्ता श्रीराम शिरसाट ने तर्क दिया था कि इंद्राणी मुखर्जी को देश से बाहर (यात्रा के लिए) जाने की अनुमति देना उचित नहीं होगा, क्योंकि वह विचाराधीन मुख्य आरोपी हैं। विशेष अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी को यात्रा के दौरान (स्पेन और यूके में) भारतीय दूतावास या उसके संबद्ध राजनयिक मिशन कार्यालयों में उपस्थित होने और उपस्थिति प्रमाण पत्र प्राप्त करने और दो लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने का निर्देश दिया था।
सीबीआई ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। बाद में हाईकोर्ट ने 27 सितंबर को शेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था। इस पर मुखर्जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुखर्जी की अपील पर जवाब मांगा है।
अधिवक्ता सना रईस खान द्वारा दायर की गई याचिका में मुखर्जी ने कहा कि वह एक ब्रिटिश नागरिक हैं और उन्होंने आवश्यक बदलाव एवं संशोधन करने तथा लंबित काम का ध्यान रखने के लिए स्पेन और अपने देश जाने की अनुमति मांगी थी, जिसे उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के बिना नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि मुखर्जी इस आधार पर विदेश यात्रा करना चाहती थीं कि वह एक ब्रिटिश नागरिक हैं और उन्हें स्पेन और ब्रिटेन में अपने बैंक खाते से संबंधित कुछ काम है, जिसके लिए वहां जाना जरूरी है। विशेष अदालत द्वारा दी गए फैसले को खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर मुखर्जी भारत से ये काम करना चाहती हैं, तो स्पेन और यूके के दूतावास से सहायता मिल जाएगी। इस पर उन्होंने तर्क दिया था कि स्पेन में सभी प्रासंगिक कार्य और प्रशासन के लिए एक डिजिटल प्रमाणपत्र की सक्रियता जरूरी थी और उनका जाना अनिवार्य है।
बोरा की हत्या का मामला सामने आने के बाद मुखर्जी को अगस्त 2015 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, मुखर्जी ने हमेशा ही आरोपों से इनकार किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें मई 2022 में जेल से रिहा किया गया। बेटी शीना बोरा की कथित तौर पर इंद्राणी मुखर्जी, उनके ड्राइवर श्यामवर राय और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना ने मुंबई में चलती कार में गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को कथित तौर पर पड़ोसी रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था। यह मामला 2015 में ही प्रकाश में आया जब श्यामवर राय ने पुलिस की तरफ से आर्म्स एक्ट मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद पूछताछ के दौरान हत्याकांड का राज खोला।
पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी, जो इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति हैं, को भी हत्या से जुड़ी साजिश में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
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