इंदौर में चक्काजाम कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, दो पुलिस अधिकारियों को हटाया गया
इंदौर में कथित नशा माफिया के खिलाफ एक बेहद व्यस्त चौराहे पर बृहस्पतिवार देर रात धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के 24 घंटे के भीतर पुलिस के एक उपायुक्त (डीसीपी) समेत दो अधिकारियों को शुक्रवार को ‘मैदानी तैनाती’ (फील्ड पोस्टिंग) से हटा दिया गया।
इंदौर/भोपाल, 16 जून 2023, (आरएनआई)। इंदौर में कथित नशा माफिया के खिलाफ एक बेहद व्यस्त चौराहे पर बृहस्पतिवार देर रात धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के 24 घंटे के भीतर पुलिस के एक उपायुक्त (डीसीपी) समेत दो अधिकारियों को शुक्रवार को ‘मैदानी तैनाती’ (फील्ड पोस्टिंग) से हटा दिया गया।
प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं द्वारा लाठीचार्ज को लेकर आक्रोश जताए जाने के बाद यह कदम उठाया गया।
इंदौर के पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) धर्मेंद्र सिंह भदौरिया को उनके वर्तमान दायित्व से मुक्त करते हुए शहर के रुस्तमजी सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (आरएपीटीसी) का सेनानी बनाया गया है, जबकि पलासिया पुलिस थाने के प्रभारी संजय सिंह बैस को पुलिस लाइन से संबद्ध किया गया है।
उन्होंने बताया कि शहर के पलासिया चौराहे पर बृहस्पतिवार देर रात बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन को लेकर ‘अज्ञात लोगों’ पर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा), धारा 332 (सरकारी कर्मचारी को डरा कर उन्हें उनके कर्तव्य से डिगाने के लिए चोट पहुंचाना) और अन्य प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उधर, शहर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा,‘‘बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसाईं जिससे 11 लोगों को चोटें आईं। यह कार्रवाई सरासर अनुचित थी।’’
विहिप के मालवा प्रांत (इंदौर-उज्जैन संभाग) के सचिव सोहन विश्वकर्मा ने कहा,‘‘कुछ पुलिस अफसरों ने पुरानी दुर्भावना के चलते बजरंग दल कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर लाठियों से पीटा। हमारी मांग है कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले डीसीपी भदौरिया के साथ ही एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और तीन थाना प्रभारियों को 48 घंटे के भीतर सेवा से बर्खास्त किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने 48 घंटे के भीतर इन पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया, तो विहिप इंदौर और उज्जैन संभागों में ‘उग्र आंदोलन’ करेगी।
गौरतलब है कि बजरंग दल द्वारा शहर के पलासिया चौराहे पर बृहस्पतिवार देर रात यह आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था कि नशे के अवैध कारोबार में शामिल लोगों की शिकायत किए जाने पर इन व्यक्तियों की शह पर संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
डीसीपी भदौरिया ने इस पद से हटने से पहले, शुक्रवार सुबह बताया कि बजरंग दल कार्यकर्ता बिना किसी अनुमति के इस बेहद व्यस्त चौराहे पर अचानक पहुंचकर धरना-प्रदर्शन करने लगे जिससे चारों रास्तों पर यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई।
उन्होंने बताया,‘‘जब पुलिस के कई बार समझाने के बाद भी धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम खत्म नहीं किया गया, तो हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया गया।’’
डीसीपी ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत 11 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। भदौरिया के मुताबिक चक्काजाम के दौरान बजरंग दल के उग्र कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के दौरान पांच पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस बल पर पथराव भी किया।
बहरहाल, विहिप नेता विश्वकर्मा ने कहा,‘‘नशा माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पलासिया पुलिस थाने से बाहर जाने को कहा, तो वे पलासिया चौराहे पर जमा हो गए। इन कार्यकर्ताओं का मकसद यातायात जाम करके जनता को परेशान करना कतई नहीं था। इन कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव भी नहीं किया।’’
इससे पहले, राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इंदौर के पलासिया चौराहे के घटनाक्रम का संज्ञान लिया है और मामले में कानूनी कार्रवाई भी की गई है।
मिश्रा ने कहा,’हमने इस घटनाक्रम से संबंधित सभी पहलुओं की जांच के लिए भोपाल से एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) स्तर के अधिकारी को इंदौर भेजने का फैसला किया है।’
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