इंदिरा सरकार ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को क्यों दिया, चिदंबरम ने दिया तर्क
चिदंबरम ने बताया कि समझौता 1974 और 1976 में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी आरटीआई में दिए गए हालिया जवाब के आधार पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि उन्हें 27 जनवरी 2015 के आरटीआई के जवाब को देखना चाहिए, जब जयशंकर विदेश सचिव थे।
चेन्नई (आरएनआई) कच्चातिवु द्वीप मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्ट और केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रेस कॉन्फेरेंस पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि भाजपा इस मामले में बेतुका आरोप लगा रही है।
चिदंबरम ने कहा, "यह समझौता 1974 और 1976 में हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी आरटीआई में दिए गए हालिया जवाब के आधार पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि उन्हें 27 जनवरी 2015 के आरटीआई के जवाब को देखना चाहिए, जब जयशंकर विदेश सचिव थे। उस जवाब में स्पष्ट रूप से कहा गया कि बातचीत के बाद यह द्वीप अंतर्राष्ट्रीय सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में है। इंदिरा गांधी ने क्यों स्वीकार किया कि यह श्रीलंका का है? क्योंकि श्रीलंका में छह लाख तमिल पीड़ित थे और वह भारत आना चाहते थे। इस समझौते के बाद छह लाख तमिल भारत आए और वे अब यहां सभी मानवाधिकारों का आनंद ले रहे हैं।
चिदंबरम ने दावा किया कि इसका प्रभाव इंडी गठबंधन के पक्ष में पड़ेगा। भाजपा को केरल और तमिलनाडु मं एक भी सीट नहीं मिलने वाला है। तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस के पास भाजपा से बेहतर संख्या होगी।
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