आरजी कर मामले की फिर से जांच कराने की मांग, पीड़िता के परिजन की याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
इससे पहले आरजी कर मामले में 20 जनवरी को सजा का एलान कर दिया गया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सियालदह अदालत ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई दुष्कर्म और हत्या की भयावह वारदात को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका लगाई गई है। याचिका में मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग की गई है। प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के माता-पिता याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट में याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट इस मामले को 17 मार्च को ही सुनेगा।
इससे पहले आरजी कर मामले में 20 जनवरी को सजा का एलान कर दिया गया था। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सियालदह अदालत ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सियालदह कोर्ट के जज अनिरबन दास ने कहा था कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है। पीड़ित परिवार को उसकी मौत के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाना चाहिए।
सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को संजय रॉय को पिछले साल नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था। इस जघन्य अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा था।
संजय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में 31 वर्षीय चिकित्सक का शव पाए जाने के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। न्यायाधीश ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत उसे दोषी ठहराया था। रॉय को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया था, उसमें उसे न्यूनतम आजीवन कारावास, जबकि अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।
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