आरजी कर केस में महिला आंदोलनकारियों की हिरासत में प्रताड़ना की सीबीआई जांच नहीं, एसआईटी को मामला सौंपने के आदेश
नई दिल्ली (आरएनआई) आरजी कर मामले में विरोध प्रदर्शन को लेकर लगी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन किया। कोर्ट ने पुलिस हिरासत में महिलाओं को प्रताड़ित किए जाने के संबंध में सीबीआई जांच की जगह एसआईटी से जांच के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के संबंध में एसआईटी को जांच की प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपने का निर्देश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से एक पीठ गठित करने को कहा, जिसके समक्ष एसआईटी रिपोर्ट पेश करेगी और आगे के निर्देश मांगेगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में आरजी कर केस में दो प्रदर्शनकारी महिलाओं की तरफ से हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के कथित दावों के मामले में सुनवाई की थी। कोर्ट ने इस मामले की जांच राज्य पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी। हालांकि, बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयन की बेंच ने एसआईटी जांच का आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायलय ने कलकत्ता हाईकोर्ट को इस जांच की निगरानी के भी आदेश दिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके नाम राज्य सरकार ने पेश किए हैं।
यह पूरा मामला दो महिलाओं से जुड़ा है। यह दोनों आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में प्रदर्शनों में शामिल थीं। इन पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अलावा पॉक्सो कानून, 2012 और आईटी कानून, 2000 के तहत केस दर्ज किए गए थे। इन दोनों महिलाओं ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उन्हें राज्य पुलिस ने हिरासत में प्रताड़ित किया।
दोनों ने उच्च न्यायालय से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। इन महिलाओं ने याचिका में कहा कि उन्हें राज्य पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन पर एक अन्य प्रदर्शनकारी को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी की नाबालिग बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भड़काने का आरोप था।
बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस राजश्री भारद्वाज की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की और सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने भी सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद ही ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
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