आरजी कर के संदीप घोष को बनाया ‘महिषासुर’, दुर्गा पूजा पंडाल में लगाई मूर्ति
मुर्शिदाबाद में एक दुर्गा पंडाल की स्थापना की गई, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के संदीप घोष से मिलती जुलती मूर्ति बनाई गई है। वो मूर्ति महिषासुर राक्षस के स्थान पर बनाई गई है। पंडाल समिति ने उसे ऐसा मानने से इनकार किया है।
मुर्शिदाबाद (आरएनआई) देशभर में नवरात्रि की धूम है। जगह-जगह दुर्गा पंडाल को भव्य तरीके से सजाया गया है, लेकिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सजाए गए एक दुर्गा पंडाल में राक्षस के रूप में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष से मिलती-जुलती मूर्ति स्थापित कर दी। मां दुर्गा की महिषासुर का वध करते हुए बहुत सी मूर्तियां दुर्गा पंडाल में स्थापित की जाती हैं। ऐसे में यहां महिषासुर की जगह पर डॉ. संदीप घोष की मूर्ति बनवाकर स्थापित कर दी गई।
संदीप घोष की बनी हुई इस मूर्ति की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई रेप की घटना के बाद पश्चिम बंगाल में लोग संदीप घोष को एक राक्षस के तौर पर देखते हैं। उस फोटो के वायरल होने पर मंदिर समिति ने संदीप घोष के असुर के तौर पर बने होने को एक सिरे से खारिज कर दिया है, लेकिन संदीप घोष के जैसी दिखाई देने वाली इस मूर्ति को देखने के लिए लोग काफी संख्या में पंडाल को विजिट कर रहे हैं।
इस मूर्ति को असीम पाल नाम के एक शख्स ने बनाया। यहां लोग दूर-दूर माता के दर्शन के लिए आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घटना में शामिल हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहां आए एक शख्स ने कहा कि पंडाल में सजाई गईं मां दुर्गी की स्थापना का ये 78वां साल है। यहां अनेकता में एकता के साथ नवरात्रि की पूजा की जाती है।
मूर्तियों को अलग-अलग रूपों में व्यवस्थित किया गया है। हर साल हम मां दुर्गा के लिए एक अलग तरह का असुर बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमने संदीप घोष को राक्षस बनाने के बारे में नहीं सोचा है। पंडाल के संयोजक ने कहा कि महिलाओं का अनादर करना अलग बात है, लेकिन मैंने प्रतिमा के बारे में ऐसा नहीं सोचा।
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