'आरएसएस की साजिशों और बचकाने आरोप से विश्वविद्यालय में बौद्धिक अखंडता को खतरा', कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नए यूजीसी नियम केवल कैंपसों में गैर-गंभीर राजनीति को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रमुख विश्वविद्यालयों में बौद्धिक ईमानदारी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साजिशों और बचकाने आरोप-प्रत्यारोप से खतरा है। कांग्रेस के संचार मामलों के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नई यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) नियम केवल कैंपसों में गैर-गंभीर राजनीति को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।
रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कई शिक्षकों ने पत्रकार अशोक श्रीवास्तव की किताब 'मोदी बनाम खान मार्केट गैंग' पर एक चर्चा का विरोध किया, जो गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में हुई थी।
उन्होंने कहा, 'आरएसएस की साजिशों और बचकाने आरोप-प्रत्यारोप ने हमारे प्रमुख विश्वविद्यालयों की बौद्धिक ईमानदारी को खतरे में डाल दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में एक निष्पक्ष और गैर-गंभीर पुस्तक के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और इसमें कुलपति ने भाग लिया था। यह किताब पूरी तरह से पक्षपाती है।'
कांग्रेस नेता ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि अब यह विश्वविद्यालय आरएसएस का हिस्सा बन गया है। उन्होंने नई यूजीसी नियमों की आलोचना करते हुए कहा कि ये नियम विश्वविद्यालयों में वीसी (उपकुलपति) की नियुक्ति और गैर-शैक्षिक व्यक्तियों की नियुक्ति पर केंद्रीय नियंत्रण बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं, जो केवल गैर-गंभीर राजनीति को बढ़ावा देंगे।
कांग्रेस ने इससे पहले मंगलवार को यूजीसी द्वारा प्रस्तावित नए नियमों को 'तानाशाही और संविधान के खिलाफ' बताते हुए इन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इन नियमों से शिक्षकों की नियुक्ति और उनकी पदोन्नति में मुश्किलें बढ़ जाएंगी, जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?