आमरण अनशन पर डटे किसान नेता डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर अदालत सख्त, पंजाब सरकार को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ न्यायाधीश सूर्याकांत और सुधांशु धूलिया ने पंजाब सरकार को एक अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया। इस याचिका में पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ आदेश का पालन न करने पर आरोप लगाया गया था।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान नेता को चिकित्सा सहायता दी जाए। डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ न्यायाधीश सूर्याकांत और सुधांशु धूलिया ने पंजाब सरकार को एक अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया। इस याचिका में पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के खिलाफ मेडिकल सहायता प्रदान करने के आदेश का पालन न करने पर अवमानना का आरोप लगाया गया था।
पीठ ने कहा, 'अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति है, तो आपको इसे सख्ती से संभालना होगा। किसी की जान दांव पर है। इसे गंभीरता से लें। चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए और ऐसा प्रतीत होता है कि आप इसका पालन नहीं कर रहे हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 28 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुनवाई के दौरान वर्चुअली उपस्थित रहने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने बताया कि पंजाब के आठ कैबिनेट मंत्रियों और डीजीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 दिसंबर को प्रदर्शन स्थल पर जाकर डल्लेवाल से अस्पताल चलने के लिए कहा था, लेकिन किसानों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा, 'हमने मौके पर सारी सुविधाएं दी हुई हैं। अगर कुछ दिक्कत होती है तो हम खतरा नहीं उठा सकते।'
इस पर पीठ ने कहा, 'हमें गंभीर संदेह है उन किसानों पर, जो अपनी जान को लेकर जागरूक नहीं हैं।' इस पर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में बहुत गंभीरता से काम कर रही है। जब अदालत ने यह सवाल किया कि क्या केंद्र राज्य सरकार की मदद कर सकता है, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र का हस्तक्षेप स्थिति को जटिल बना सकता है।
उन्होंने कहा, 'कुछ लोग डल्लेवाल को बंधक नहीं बना सकते। एक व्यक्ति की जान खतरे में है। राज्य सरकार कदम उठा सकती है।'
पंजाब एजी ने पीठ को बताया कि जब मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल डल्लेवाल से मिलने गया था, तो उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र दिया। सिंह ने कहा, 'उन्होंने कहा है कि यदि बातचीत होती है, तभी वे चिकित्सा सहायता स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।'
मेहता ने कहा कि डल्लेवाल का अस्पताल में भर्ती होना प्राथमिकता होनी चाहिए।
डल्लेवाल फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों के समर्थन में केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं। 13 फरवरी को सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक लिया था। याचिका में आरोप है कि किसानों और उनके संगठनों ने बेमियादी अवधि के लिए पंजाब में समस्त राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि आंदोलनकारी किसान राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध नहीं करें। हालांकि, अदालत ने पंजाब में उन राजमार्गों पर अवरोधकों को हटाने के लिए केंद्र व अन्य को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी थी, जहां किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB
What's Your Reaction?