आम लोगों के लिए खुले सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे, पहले और तीसरे शनिवार को 'गाइडेड टूर' की दी इजाजत
सार्वजनिक सहभागिता और जागरूकता बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत आम लोग दूसरे, चौथे और घोषित छुट्टियों वाले शनिवार को छोड़कर हर कार्यदिवस वाले शनिवार को शीर्ष अदालत के भव्य इमारत में घूम सकेंगे।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर अपने दरवाजे आम लोगों के लिए खोल दिए हैं। जनहित में शीर्ष अदालत ने कार्यदिवस वाले शनिवार को 'गाइडेड टूर' की इजाजत दी है। इसका मकसद सार्वजनिक सहभागिता और जागरूकता बढ़ाना है। इससे लोग सुप्रीम कोर्ट के बारे में अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकेंगे। लोग दूसरे, चौथे और घोषित छुट्टियों वाले शनिवार को छोड़कर हर कार्यदिवस वाले शनिवार को शीर्ष अदालत के भव्य इमारत में घूम सकेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट परिसर को खोलने से आम जनता को भवन के अंदरूनी हिस्सों तक जाने और भव्य संरचना को निहारने का मौका मिलेगा। इस संदर्भ में रजिस्ट्रार महेश टी. पाटणकर (न्यायालय एवं भवन) की ओर से नौ जनवरी को एक सर्कुलर जारी किया गया।
सर्कुलर में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों के तहत 'गाइडेड टूर' का दूसरे, चौथे शनिवार और घोषित अवकाशों को छोड़कर प्रत्येक शनिवार को लोग सुप्रीम कोर्ट में चहलकदमी कर सकेंगे। भवन में आने के लिए चार समय तय किए गए हैं। लोग सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक, 11:30 से दोपहर एक बजे तक, दोपहर दो बजे से 3:30 बजे तक और दोपहर 3:30 बजे से शाम पांच बजे तक घूम सकेंगे।
अधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति पहले से ऑनलाइन बुकिंग कराकर तय समय पर सुप्रीम कोर्ट भवन में घूम सकेगा। गाइडेड टूर के दौरान अधिकारी लोगों को पूरा परिसर घुमाएंगे और ऐतिहासिक महत्व के हिस्सों के बारे में बताया जाएगा। वहीं लोगों को कोर्ट रूम भी देखने का मौका मिलेगा। लोगों को परिसर का अवलोकन करने का मौका मिलेगा और उन्हें राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय एवं अभिलेखागार भी दिखाया जाएगा। लोगों को सुप्रीम कोर्ट के प्रशासनिक भवन परिसर में नए न्यायाधीशों के पुस्तकालय को देखने का भी अवसर मिलेगा।
इससे पहले तीन नवंबर 2018 को पहला 'गाइडेड टूर' हुआ था। अब तक ऐसे 296 'गाइडेड टूर' हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट भवन का निर्माण 1958 में हुआ था और इसकी आधारशिला देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1954 में रखी थी। इसकी वास्तुकला और इतिहास इसे कानूनी महत्व और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक ऐतिहासिक स्थल बनाते हैं।
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