आम चुनावों के नतीजों में आगे रहे इमरान समर्थित निर्दलीय
देश में आम चुनाव के नतीजों में हुई देरी से सियासी बवाल खड़ा हो गया था, यहा कई पार्टियों ने धांधली जैसे आरोप लगाकर रोना रोया और कुछ ने विरोध-प्रदर्शन किया। चुनाव आयोग ने रविवार को 265 सीटों में से 264 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए।
इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान में गुरुवार को आम चुनाव हुए थे। उसी दिन नतीजे आने थे, लेकिन उस दिन मतगणना पूरी नहीं हो सकी। आखिरकार चुनाव आयोग ने रविवार को अंतिम नतीजों की भी घोषणा कर दी। फैसला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के पाले में गया। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है। त्रिशंकु संसद की स्थिति स्पष्ट होने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।
देश में आम चुनाव के नतीजों में हुई देरी से सियासी बवाल खड़ा हो गया था, यहा कई पार्टियों ने धांधली जैसे आरोप लगाकर रोना रोया और कुछ ने विरोध-प्रदर्शन किया। पाकिस्तान चुनाव आयोग ईसीपी ने रविवार को 265 सीटों पर हुए चुनाव में से 264 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए। हालांकि एक सीट का नतीजा अभी रोक दिया गया है।
पंजाब प्रांत के खुशब में एनए 88 का नतीजा आयोग ने धोखाधड़ी की शिकायतों के कारण रोक दिया है। पीड़ित की शिकायतों के सुलझने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी।
पीटीआई समर्थित अधिकतर निर्दलीय उम्मीदवारों को नेशनल असेंबली में 101 सीटें मिली हैं। इसके बाद, नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पीएमएल-एन 75 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है। बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीटें मिलीं और कराची स्थित मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान एमक्यूएम-पी उर्दू भाषी लोगों को 17 सीटें मिलीं, जो विभाजन के दौरान भारत से चले गए थे। अन्य छोटी पार्टियों ने बाकी 12 सीटें जीतीं।
सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होंगी। नेशनल असेंबली की कुल 336 सीटों में से साधारण बहुमत के लिए कुल 169 सीटों की जरूरत है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटें भी शामिल हैं जिन पर बाद में फैसला होगा।
पाकिस्तान में राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए, जब यह स्पष्ट हो गया कि नकदी संकट से जूझ रहे देश को आम चुनावों के बाद त्रिशंकु संसद का सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक एकीकृत सरकार बनाने का आह्वान किया। इसपर पाकिस्तानी सेना ने शरीफ को अपना समर्थन दिया।
पीएमएल-एन अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के जरिए 71 वर्षीय खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद की तर्ज पर गठबंधन सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही थी। पार्टी सुप्रीमो शरीफ 74 ने अपने छोटे भाई पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को इस मुद्दे पर बातचीत करने का काम सौंपा। उन्होंने पहले ही पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर ली है। एमक्यूएम-पी का एक प्रतिनिधिमंडल लाहौर में है और उसने शहबाज के साथ बैठक की। इतना ही नहीं, समूह बड़े शरीफ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहा है।
एमक्यूएम के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ. खालिद मकबूल सिद्दीकी कर रहे हैं। मुस्लिम लीग एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, मरियम नवाज और लीग के अन्य नेता भी बैठक में भाग ले रहे हैं। शहबाज ने कहा, 'बैठक में, सरकार गठन के संबंध में विचार-विमर्श होगा।
पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को सभी लोकतांत्रिक ताकतों की एकीकृत सरकार बनाने का आग्रह किया। पीटीआई नेता गौहर खान ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह संभव नहीं है।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेजिस्लेटिव डेवलपमेंट एंड ट्रांसपेरेंसी पीआईएलडीएटी के अहमद बिलाल महबूब के हवाले से कहा कि जाहिर तौर पर पीटीआई पीएमएल-एन या पीपीपी जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किए बिना सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है क्योंकि संसद के निचले सदन में बहुमत का दावा करने के लिए उसके पास आवश्यक संख्या नहीं है।
आखिरकार चुनाव के बाद तीन दिन की अवधि के दौरान अगर पीटीआई से संबद्ध निर्दलीय उम्मीदवार फिर से पीटीआई में शामिल हुआ तो क्या होगा इस पर पीआईएलडीएटी प्रमुख ने विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि यह संभव है। हालांकि, यह एक लंबा रास्ता होगा क्योंकि यह अनिवार्य है कि जिस पार्टी में निर्दलीय उम्मीदवार शामिल होना चाहते हैं, उसके पास पार्टी का प्रतीक होना चाहिए।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने कहा था कि पीटीआई के उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट का इस्तेमाल नहीं कर सकते, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि इसलिए अगर वे फिर से पीटीआई में शामिल होना चाहते हैं तो पीटीआई को पार्टी के भीतर चुनाव कराने होंगे और अपना चुनाव चिह्न या कोई अन्य चिह्न वापस लेना होगा।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी प्रस्तावित गठबंधन के तौर तरीकों पर चर्चा के लिए रविवार को महत्वपूर्ण बैठकें कर सकते हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि वे यह देखकर हैरान हैं वे केंद्र में पीएमएल-एन की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि इस विचार पर अब तक पार्टी के भीतर भी चर्चा नहीं हुई थी। पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल ने कहा, 'हमने केंद्र में भविष्य की साझेदारी या गठबंधन सरकार के बारे में कोई बात नहीं की है।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?