लखनऊ: आपस में सरेआम भिड़ीं प्रिंसिपल और महिला शिक्षिका, स्कूल में लगा ताला; सड़क पर बैठाकर हुईं कक्षाएं
लखनऊ के मोहनलालगंज में प्रिंसिपल और महिला शिक्षक के बीच हुई लड़ाई का मामला सामने आया है। इन दोनों को ही निलंबित कर दिया गया है।

लखनऊ (आरएनआई) एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षा व्यवस्था की छवि बेहतर करने के लिए अरबों रुपयों का बजट खर्च कर रही है। दूसरी ओर शिक्षक हैं कि व्यवस्था पर ग्रहण लगाने में जुटे हुए हैं। मोहनलालगंज ब्लाक के निगोहां के भद्दी शिर्ष गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापिकाओं के बीच में सोमवार को जमकर विवाद हुआ। ऐसे में स्कूल में ताला लगाना पड़ा। वहीं पहुंचे बच्चे सड़क पर बैठने को मजबूर हुए। प्रधानाध्यपिका का आरोप है कि सहायक अध्यापिका स्कूल रोजाना पढ़ाने नही आती है और रजिस्ट्रर पर हर दिन की उपस्थिति भी नहीं दर्ज करती है। इस बात की शिकायत साक्ष्यों के साथ विभाग में की गई तो फिर भी आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए सोमवार को विद्यालय बंद करवा दिया गया।
सहायक अध्यापिका संध्या देवी सोमवार को भी देर से पहुंची और रजिस्टर में जबरन हस्ताक्षर करने का प्रयास किया। इस पर बात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मारपीट की नौबत आ गई। ऐसे में विद्यालय की प्रधानाध्यपिका रीना देवी ने विद्यालय में ताला लगवा दिया और बच्चों को सड़क पर बैठा दिया। इसके बाद एक वीडियो बनाकर उसको वायरल कर दिया। इस वीडियो में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं विभाग ने दोनो को निलंबित कर जांच बैठा दी है।
विद्यालय में शिक्षकों के बीच तनातनी बीते दो अप्रैल से चल रही थी। प्रधानाध्यापक ने अपनी शिकायत में बताया कि दो अप्रैल को शिक्षिका संध्या देवी रोजाना की तरह देर से स्कूल पहुंची तो उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से मना किया गया। इसके बाद संध्या ने रजिस्टर का आधा पेज फाड़ दिया। प्रधानाध्यापक ने इसकी लिखित शिकायत बीईओ सुशील कुमार सिंह से की। मामला फिर बीएसए कार्यालय पहंचा तो बीएसए ने नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया इसके बाद तनातनी और बढ़ गई थी।
शिक्षिकाओं के विवाद के बीच विद्यालय के गेट पर बच्चे अपने समय तक बैठे रहे। इसके बाद वह बिना पढ़े ही लौट गए। यहां तक बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी नहीं वितरित किया गया। इस दौरान गांव वाले सारा तमाशा देखते रहे।
वहीं गांव वालों ने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों का अक्सर विवाद होता रहता है। इस पर अधिकारियों को समय रहते ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय से कार्रवाई होती तो ये नौबत नहीं आती।
मामले की जांच चिनहट ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है। 15 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
सहायक अध्यापक को उपस्थिति पंजिका फाड़ने और प्रधानाध्यापक को स्कूल में ताला बंद करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आगे की जांच की जा रही है।
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