वायनाड: आपदा पीड़ितों के लिए CSIR-NIIST ने एक किए दिन-रात, लंबे समय तक ताजा रहने वाले खाद्य पदार्थ तैयार
सीएसआईआर और एनआईआईएसटी की टीम ने अपने कार्यस्थल को खाद्य प्रसंस्करण एवं उत्पाद में तब्दील कर दिया। शोधार्धियों के एक दल द्वारा एक शिफ्ट में काम किया जा रहा है और अलग-अलग खाद्य पदार्थों के एक हजार पैकेट तैयार किए जा रहे हैं।
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तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के बाद भूस्खलन से तबाही मची है। इस प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। आपदा के बीच हजारों लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। इस बीच केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले कुछ वैज्ञानिक शोध संस्थानों की टीमों द्वारा दिन-रात एक कर, बीते दो दिनों से प्राकृतिक आपदा पीड़ितों के लिए भोजन तैयार किया जा रहा है।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईआईएसटी) के वैज्ञानिकों की टीम ने अपने कार्यस्थल को खाद्य प्रसंस्करण एवं उत्पाद में तब्दील कर दिया। इस टीम में 70 से अधिक लोग मौजूद हैं। इनमें शोधार्धियों के एक दल द्वारा एक शिफ्ट में काम किया जा रहा है और अलग-अलग खाद्य पदार्थों के एक हजार पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। इस टीम द्वारा लंबे समय तक चलने और उच्च प्रोटीन की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को तैयार किया जा रहा है।
सीएसआईआर-एनआईआईएसटी के निदेशक आनंद राम कृष्णन ने कहा, ‘हमारी टीम द्वारा तैयार किए गए खाद्य पदार्थों में पहला उपमा है। हमने इसमें प्रोटीन की मात्रा को दस प्रतिशत अधिक बढ़ाया है। हमने इन्हें ऐसे पैकेट में रखा है, जिससे भोजन कम से कम एक महीने तक ताजा रहेगा। इसके अलावा हमने मूंलफली के साथ पोहा तैयार किया है, जो कि एक महीने तक ताजा रहेगा। इसके साथ ही हमने बच्चों के लिए मोटे अनाज के बिस्किट भी तैयार किए हैं।’ आनंद राम कृष्णन ने आगे बताया कि उनकी टीम के द्वारा ऐसे खाद्य पदार्थों को भेजा जा रहा है, जो लंबे समय तक ताजा रहें और जिन्हें किसी भी समय आहार में लिया जा सकता है। एनआईआईएसटी ने इससे पहले कभी भी अपने प्रौद्योगिकी कार्यालय का इस्तेमाल भोजन को तैयार करने में नहीं किया था लेकिन, अब संस्थान ने दिन-रात एक कर खाद्य पदार्थों को तैयार करने के लिए जी-जान लगा दी है।
कृषि प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख वीवी वेुगोपाल ने कहा, ‘खाद्य पदार्थों को जिन पैकेटों में रखा जा रहा है, उन्हें उच्च तापमान और उच्च दबाव की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस तरह से इन पैकेटों में रखे जाने वाले खाद्य पदार्थ लंबे समय तक ताजा रहते हैं। हम गारंटी दे रहे हैं कि एक महीने तक भोजन ताजा रहेगा।’ उन्होंने कहा कि टीम के द्वारा जो पोहा तैयार किया जा रहा है, उसमें नमी बिल्कुल भी नहीं है। इसलिए इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और किसी भी समय खाने में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इन भोजने के पैकेट को तिरुवनंतपुरम जिला प्रशासन को भेजा जाएगा और वहां से इन्हें वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किया जाएगा।
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