आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचारक थे संत श्रीपाल जी
शाहाबाद हरदोई । शिव सत्संग मण्डल आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्रीपाल ने धार्मिक आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्यों के प्रसार के लिए शिव सत्संग मण्डल आश्रम की स्थापना ग्रामीण अंचल में की। यह बात समाजसेवी मुरारी लाल गुप्ता ने शिव सत्संग मण्डल आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्रीपाल जी महाराज की 82 वीं जन्म जयंती के पावन अवसर पर कही। यह कार्यक्रम निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख रोली गुप्ता के आवासीय परिसर में आयोजित समारोह किया गया था। साधकों,सत्संगीजनों एवं अभ्यागतों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन के सत्य, सत्संग,सुमिरन व परमात्मा को पाने के लक्ष्य को संत एवं सत्संग परंपरा से ही पाया जा सकता है।संत श्रीपाल का जीवन दर्शन हर मानव को दिशा-बोध प्रदान करता रहेगा और वह प्रासंगिक बने रहेंगे। श्री गुप्ता ने कहा कि सनातन संस्कृति का मूलमंत्र वसुधैव कुटुंबकम है। ज्ञान योग,कर्म योग एवं भक्ति योग से जोड़कर संतों ने हमें ईश्वर से जोड़ने के प्रयास किए। संयोजक अम्बरीष कुमार सक्सेना ने बताया कि संत श्रीपाल के अथक प्रयासों के चलते धर्म अध्यात्म के क्षेत्र में नव चेतना जागृत हुई। उनका स्पष्ट मानना था कि शिवत्व की प्राप्ति से ही अमरत्व की प्राप्ति की जा सकती है। शिवोपासना से मुक्ति और मोक्ष पाया जा सकता है। योग प्रशिक्षक योगेश गुप्ता ने अष्टांग योग यम,नियम,आसन, प्राणायाम, धारणा,ध्यान और समाधि पर प्रकाश डालते हुए जीवन धारा को परमपिता परमेश्वर से जोड़ने का आग्रह करते हुए ब्रह्ममुहूर्त में उठने पर जोर दिया। सुतीक्ष्ण राठौर ने गुरु पर आधारित कविता के माध्यम यथार्थ ज्ञान दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ मुरारी लाल गुप्ता एवं भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर , सामूहिक ईश प्रार्थना से किया। इस अवसर पर निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख रोली गुप्ता, पंकज सिंह, रमाकांत मौर्य, जितेन्द्र गुप्ता, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, रोहित गुप्ता, अश्मित बाथम,आलोक गुप्ता, अशोक गुप्ता,भाई लाल,नीरज सिंह, संजीव गुप्ता एवं संघ के सह नगर कार्यवाह श्याम जी गुप्ता आदि साधक, सत्संगीजन और अभ्यागत मौजूद रहे।कार्यक्रम का समापन सामूहिक ध्यान लगाकर किया गया।
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