आत्मराम पारदी मामला: फरार आरोपी एस आई का गिरफ्तारी वारंट जारी, जेल में बन्द गवाह टोनी पर बयान बदलने का दबाव
गुना। गुना जेल में बंद बर्खास्त आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी के पिता ने प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोपी एस आई को गिरफ्तारी करने कि मांग की है, वही स्थानीय विशेष अदालत ने ग्रिफ्तारी वारंट सीआईडी को जारी किए है।
यह है पूरा मामला हाईकोर्ट पेश यचिका में कोर्ट आदेश पर गायब या मृत्य आत्माराम पारदी के मामले को सीआईडी को सौंप दिया गया है। जिसमे बीते सप्ताह सीआईडी टीम ने छापेमारी कर एक आरोपी को पकड़ा है वही मुख्यारोपी सहित अन्य फरार है।
टोनी जोशी के पिता ने एक पत्र प्रधानमंत्री सहित अन्यो को भेजकर आरोप लगाया कि आत्माराम मामले में माने जा रहे आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह के इशारे पर उसके बेटे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती रही है जिसके चलते वह तनावग्रस्त रहते हुए षणयंत्र के तहत फर्जी मामलों को लेकर आरोपी बनाया गया। जिसके चलते वह आरक्षक की नोकरी से बर्खास्त होकर जेल में है।
वही टोनी ने अपने लिखे पत्र में पिता से कहा है कि आत्माराम पारदी के गायब हो जाने की खबर समाचारों में आने के बाद उसको जेल के प्रहरी राजेन्द्र सिंह रघुवंशी द्वारा परेशान किया जा रहा है, उस पर दबाब बनाकर आत्माराम पारदी के मामले में बयान बदलने की बात कही जा रही है। पूर्व में उस पर जेल में अंदर एक बार हमला दूसरे आरोपियों से यह प्रहरी करा चुका है।
बीते रोज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में आत्माराम पारदी के मामले में सुनवाई हुई, जिसमें सीआईडी पुलिस ने स्टेट्स रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दिए जाने की बात बताई है। इसके साथ-साथ गुना न्यायालय ने इस मामले में वांछित आरोपी पुलिस दरोगा रामवीर सिंह कुशवाह और तीस हजार रुपए का इनामी रघुराज सिंह तोमर उर्फ रघु रोकड़ा के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। जिसमें 12 जनवरी से पूर्व कोर्ट में पेश होने को कहा है। वहीं सीआईडी पुलिस ने गुना पुलिस अधीक्षक और आगर पुलिस अधीक्षक से गिरफ्तारी न होने की दशा में आरोपी रामवीर सिंह की संपत्ति कुर्क किए जाने के लिए जानकारी देने के लिए पत्र भेजा है।
इन पर धरनावदा पुलिस थाने में 365, 307, 3(2)(वी)एससीएसटी के तहत मामला कायम है। सीआईडी पुलिस के डीएसपी सतीश चतुर्वेदी के अनुसार इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार सीआईडी पुलिस की टीम दबिश दे रही है। आरोपियों से संपर्क और उन्हें सहयोग कर रहे व्यक्तियों पर भी धारा 212 आईपीसी के तहत अपराधी को शरण देने और छुपाने के आरोप में कार्यवाही की भी तैयारी हो गई है।
टोनी ने पुलिस अधीक्षक के नाम संबोधित पत्र की प्रति जेल डीजी, एसपी सीआईडी, डीएसपी सीआईडी और पत्रिका को भेजी है, जिसमें उसने कुछ बिन्दुओं की जांच कराने का आग्रह किया है। उसका कहना है कि प्रार्थी की जेल स्वास्थ्य पुस्तिका की जांच, जेल प्रहरी राजेन्द्र रघुवंशी की सीडीआर और कॉल डिटेल, जेल के मुख्य द्वार की सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच हो जाए तो राज उजागर हो जाएगा।
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