'आतंकी ये याद रखें, गीता की धरती है भारत', पहलगाम हमले पर भड़के आचार्य प्रशांत
आचार्य प्रशांत ने कहा कि 'पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ कुछ लोगों द्वारा की गई निर्दयता की घटना नहीं है, बल्कि यह उस नफरत का नतीजा है, जो जड़ें जमा चुकी है और हमें बतौर राष्ट्र इसका सामना करना होगा।'

नई दिल्ली (आरएनआई) पहलगाम हमले को लेकर देश के हर वर्ग में गम और गुस्सा है। आध्यात्म से जुड़े लोग भी पहलगाम हमले को लेकर आतंकवाद को कोस रहे हैं। मशहूर लेखक और प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के प्रमुख आचार्य प्रशांत ने भी पहलगाम हमले पर गुस्सा जाहिर करते हुए आतंकियों को चेतावनी दी कि भारत, गीता की धरती है और गीता को मानने वाले कभी भी अन्याय के खिलाफ घुटने नहीं टेकेंगे।
आचार्य प्रशांत ने कहा कि 'जो लोग आतंक फैला रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि भारत, गीता की धरती है और इसके मानने वाले कभी भी कट्टर अज्ञानता के खिलाफ घुटने नहीं टेकेंगे। गीता में अन्याय के खिलाफ आत्मसमर्पण करने, हार मानने और जीवन के युद्ध से भाग जाने की मनाही है।' आचार्य ने कहा कि 'गीता सिर्फ अमूर्त विचारों का दर्शन नहीं है बल्कि ये साहस से जिंदगी जीने का प्रैक्टिकल मैनुअल है। डर, नफरत और हिंसा आपको चुनौती देंगे, लेकिन गीता कहती है कि हम अपनी आंखें खोलें और सच्चाई को स्वीकारें और पूरी ताकत और स्पष्टता से उसका जवाब दें। जब आप सच के साथ होते हैं तो आपको डर नहीं लगता।'
आचार्य प्रशांत ने कहा कि 'पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ कुछ लोगों द्वारा की गई निर्दयता की घटना नहीं है, बल्कि यह उस नफरत का नतीजा है, जो जड़ें जमा चुकी है और हमें बतौर राष्ट्र इसका सामना करना होगा।' बीती 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि दस से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हमला आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सहयोगी संगठन टीआरएफ द्वारा किया गया। पहलगाम हमले के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है और साथ ही सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है।
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