आज से संसद का शीत सत्र,आम लोगों से जुड़े ये बिल पेश करेगी सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होगा। 26 नवंबर को लोक सभा और राज्य सभा में विधायी कामकाज नहीं होंगे, क्योंकि 26 नवंबर को संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कई खास कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। 20 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में सरकार पांच नए बिल पेश कर सकती है।

Nov 25, 2024 - 10:30
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आज से संसद का शीत सत्र,आम लोगों से जुड़े ये बिल पेश करेगी सरकार

नई दिल्ली (आरएनआई) संसद का शीतकालीन सत्र आज 25 नवंबर से शुरु हो रहा है। ये सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में सरकार पांच नए बिल पेश करेगी। इसमें शिपिंग सेक्टर से जुड़े तीन बिल शामिल है। सरकार कोस्टल शिपिंग बिल, इंडियन पोर्ट्स बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल पेश करेगी।भारतीय शिपिंग के विकास के लिए तीनों बिल काफी अहम है। वहीं, पहले से पेश 13 बिल को पास कराने के लिए लिस्ट किया गया। इनमें इनमें बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल और वक्फ बिल भी लिस्ट में शामिल है।

सरकार बैंकिंग नियमों में सुधार की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसलिए सरकार बैंकिंग लॉ (संशोधन) बिल, 2024 पेश करने जा रही है। इस बिल में बैंक खाते में एक उत्तराधिकारी की संख्या को बढ़ाकर 4 कर दिया जाएगा यानी अब खाताधारक अपने अकाउंट में चार लोगों को नॉमिनी बना सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज दिन में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेंगी।

इस विधेयक को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955, बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन का प्रस्ताव है। सरकार ने 18वीं लोकसभा के पहले मानसून सत्र में 12 बिल पेश हुए थे। इनमें से भी चार बिल पास हुए थे। इनमें वित्त विधेयक 2024, विनियोग विधेयक 2024, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक 2024 और भारतीय वायुयान विधेयक शामिल है।

शीतकालीन सत्र के शुरुआती हफ्ते के अंत में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए बनी जेपीसी अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। हालांकि जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसद रिपोर्ट जमा करने के लिए और समय देने की मांग कर रहे हैं। बैठक में 26 नवंबर को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में संविधान अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। जानकारी के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से जुड़ा कोई विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। मंत्रिमंडल इस रिपोर्ट को मंजूरी दे चुका है। सरकार द्वारा सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है।

सरकार ने सत्र में विचार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार पंजाब कोर्ट्स संशोधन विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, तटीय शिपिंग विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक पेश किए जा सकते हैं। इनके अलावा भारतीय वायुयान विधेयक, जो लोकसभा से पारित हो चुका है, वह राज्यसभा में लंबित है। लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ विधेयक समेत आठ विधेयक लंबित हैं। साथ ही राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं। एक देश एक चुनाव विधेयक इस संसद सत्र में पेश करने की उम्मीद कम ही है।

इस बीच सरकार ने सोमवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए पार्टियों के बीच सहमति बनाने की कोशिश की गई। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। इससे साफ है कि विपक्ष शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे को उठाएगा, जिससे संसद सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में जीत के बाद यकीनन सत्ताधारी भाजपा को थोड़ा आत्मविश्वास जरूर मिला होगा। 

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी कहा कि पार्टी अदाणी के साथ-साथ मणिपुर में जातीय संघर्ष पर चर्चा चाहती है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जातीय हिंसा के बावजूद सरकार को मणिपुर के मुख्यमंत्री पर भरोसा है। विपक्षी दल ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की।

सर्वदलीय बैठक के बाद रिजिजू ने कहा कि हालांकि शीतकालीन सत्र कल से शुरू होने वाला है, लेकिन संविधान दिवस समारोह के मद्देनजर 26 नवंबर को कोई सत्र नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 75 साल पूरे होने पर दोनों सदनों के सदस्यों के साथ संविधान भवन में संविधान दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'कल से सत्र शुरू होगा। परसों लोकसभा या राज्यसभा नहीं होगी, क्योंकि 26 नवंबर को संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इसलिए 75 साल पूरे होने पर संविधान दिवस दोनों सदनों के सदस्यों के साथ संविधान भवन में मनाया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वहां संबोधित करेंगी और इसके साथ ही हम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी करने जा रहे हैं। इसमें संविधान से जुड़ी कई चीजें प्रकाशित होने जा रही हैं।

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