आगामी विधानसभा चुनाव प्रदेश के खोये गौरव को लौटाने का चुनाव
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं में जोश का संचार किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव मात्र सत्ता हस्तांतरण का चुनाव नहीं, बल्कि प्रदेश के खोए गौरव को लौटाने का चुनाव है। महिलाओं के आत्मसम्मान को लौटाने का चुनाव है।
जोधपुर। (आरएनआई) महिला कार्यकर्ताओं के जोधपुर में संभाग स्तरीय कार्यक्रम में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में हजारों लोगों ने बलिदान किया। हजारों लोगों ने शारीरिक यातनाएं सही, तब जाकर देश आजाद हुआ। आजादी के बाद देश को जो सरकार मिली। उसने देश की सीमाओं को कमजोर किया था। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार के रूप में हमें एक सशक्त और विजनरी सरकार मिली है। मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है, विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
भाजपा के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय ने हमें एक लक्ष्य दिया। भारत के खोये वैभव को लौटाने और विकास के पायदान की अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का। पार्टी के कार्यकर्ता इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुटे हुए हैं।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जब राज्य में वसुंधरा राजे की सरकार थी। प्रदेश हर योजना में अव्वल था, लेकिन पिछले चुनाव में हमसे चूक हुई। हम अपने काम को नीचे तक नहीं पहुंचा पाए और सरकार से बाहर हो गए, लेकिन आज जनता खून के आंसू बहा रही है। सरकार बदलने को जनता तैयार है।
राजस्थान में महिलाओं की स्थितियां खराब हैं, जिस राजस्थान की पहचान त्याग, तपस्या और स्वाभिक्ति से होती थी। आज उस प्रदेश में बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। राजस्थान देश भर में रेप केपिटल बन गया। अब हमें संकल्प करना है कि बेटियों की दरिंदगी का हिसाब लेंगे। कुशासन की सरकार को हटाएंगे। नारी शक्ति के अपमान का बदलना लेने का संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सत्ता हस्तांतरण का चुनाव नहीं है। यह राजस्थान के सम्मान को लौटाने का चुनाव है। यह जय जय राजस्थान करने के संकल्प का चुनाव है।
केन्द्रीय मंत्री ने प्रसिद्ध खेजड़ली स्थान पर आयोजित पर्यावरण जन चेतना यात्रा के समापन समारोह में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण की जरूरत है। देश में ग्रीन कवरेज कम हो रहा है। सौ साल पहले जंगल 39 प्रतिशत जमीन पर था, जो घटकर 24 प्रतिशत तक आ गया। पर्यावरण के लिए जल और जंगल, दोनों आवश्यक है।
पिछले कुछ सालों में जिस तरह देश में पर्यावरण के प्रति चेतना जाग्रत हुई है। पिछले दो साल भारत मे ट्री कवरेज 28 सौ वर्ग किमी आ गया। निश्चित रूप से इस चेतना को जाग्रत करने में विश्नोई समाज का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा पेड़ लगाने मात्र की यात्रा ही नहीं है, यह एक प्रकार से पेड़ लगाने की संकल्पना की शुरुआत है। लोगों के मन में पर्यावरण चेतना का भाव बढ़ाना है। जल जमीन जंगल और जानवर की रक्षा का संकल्प लेना होगा।
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