आगरा में किसानों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी, मुख्यमंत्री से वार्ता पर अड़े...इनर रिंग रोड पर डाला डेरा
आगरा में अधिगृहीत भूमि की वापसी के लिए रहनकलां और रायपुर के किसानों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। 14 साल से किसान अपनी जमीन के लिए परेशान हैं।
आगरा (आरएनआई) आगरा में अधिगृहीत भूमि का मुआवजा न मिलने पर आंदोलित किसान अब अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं। मंगलवार को तीसरे दिन भी इनर रोड की एक लेन बंद कर किसानों ने परिवार सहित धरना-प्रदर्शन जारी रखा। वे मुख्यमंत्री से वार्ता कराने की मांग पर अड़े हैं। आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को शासन ने पत्रावलियों सहित तलब किया है।
किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व जवान शामिल हैं। रहनकलां, रायपुर, एत्मादपुर, मदरा सहित एक दर्जन गांव के करीब 5 हजार लोग इससे जुड़े हैं। इनर रिंग रोड, लैंड पार्सल व थीम पार्क में 2009 में इनकी जमीन चली गई। खसरा-खतौनी में एडीए का नाम दर्ज हो गया। मगर इन्हें मुआवजा नहीं मिला।
मंगलवार को भाजपा के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह किसानों से मिलने पहुंचे। किसानों ने दो टूक कह दिया। आंदोलन तभी खत्म होगा, जब मुख्यमंत्री से वार्ता हो जाएगी। किसानों ने कहा कि एक साल पहले मुख्यमंत्री आगरा आए थे। तब वह खुद कहकर गए थे कि किसानों को पैसा दिया जाए या जमीन वापस की जाए। अब, हम जमीन वापस चाहते हैं।
किसानों के प्रदर्शन से लखनऊ एक्सप्रेस-वे और इनर रिंग रोड पर यातायात प्रभावित है। एक लेन बंद कर किसानों ने बीच सड़क पर टेंट लगा रखा है। रास्ते पर ट्रैक्टर खड़े कर रखे हैं। टोल प्लाजा के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। नए साल पर हजारों पर्यटक इस रास्ते से आगरा आते हैं। पीएसी व पुलिस फोर्स तैनात है।
डीएम ने बुधवार को धरना स्थल पर किसानों से मुलाकात की थी। मंगलवार सुबह ही शासन ने एडीए उपाध्यक्ष एम अरुन्मोली को तलब कर लिया। वह लखनऊ में हैं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि शासन स्तर पर निर्णय होना है। किसानों की बात पहुंचा दी गई है। धरना-प्रदर्शन उचित नहीं। किसानों को समझाने के लिए एडीएम व एसडीएम को भेजा है।
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