आगरा ओवन धमाका: ब्रेड बनाते हुए ब्लास्ट, 14 मजदूर झुलसे, पांच की हालत गंभीर
हादसे के बाद करीब 30 मिनट तक झुलसे हुए श्रमिकों के लिए एंबुलेंस नहीं पहुंची तो आक्रोशित लोगों और अन्य श्रमिकों ने हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने मैनेजर पर हमले की कोशिश भी की।
आगरा (आरएनआई) आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर (पुष्प विहार) स्थित मेडले बेकर्स में गुरुवार दोपहर को ब्रेड बनाते समय ओवन में जोरदार धमाके के बाद आग लग गई। 14 श्रमिक झुलस गए। इनमें से 5 की हालत गंभीर है। प्रथम तल पर हुए हादसे में श्रमिक काफी दूर जाकर गिरे। 15 मिनट तक ओवन से लपटें निकलती रहीं। ओवन फटने का कारण गैस का अत्यधिक दबाव माना जा रहा है। बेकरी की अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली गई थी। झुलसे हुए श्रमिक एटा, फर्रुखाबाद, कानपुर और शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।
हादसे के बाद करीब 30 मिनट तक झुलसे हुए श्रमिकों के लिए एंबुलेंस नहीं पहुंची तो आक्रोशित लोगों और अन्य श्रमिकों ने हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने मैनेजर पर हमले की कोशिश भी की। उन्होंने खुद को कमरे में बंद होकर बचाया। पुलिस ने स्थिति को संभाला। झुलसे हुए श्रमिकों को पुलिस और अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से अस्पताल भेजा गया।
हादसा दोपहर एक बजे हुआ। ट्रांसपोर्ट नगर में नगर निगम की वर्कशाप के पास मेडले बेकर्स नाम से यह बेकरी लॉयर्स कॉलोनी निवासी शिखा शर्मा की है। प्रथम तल पर बेकरी और भूतल पर ब्रेड रखने के लिए गोदाम है। प्रथम तल पर ही ओवन लगा हुआ है। दिन और रात की दो शिफ्ट में श्रमिक काम करते हैं।
गुरुवार को बेकरी में श्रमिक ललित, वीकेश, सोनू, नारद, छोटे, जागेश्वर, रामवीर, विवेक, कृष्णा, शिवम, सुशांत, प्रमोद, अवनीश और आकाश प्रथम तल पर काम कर रहे थे। वीकेश, सुशांत, कृष्णा, प्रमोद, छोटे ओवन में ब्रेड लगाने का काम कर रहे थे। अन्य खांचे में लोई बनाकर लगा रहे थे। कर्मचारियों ने सांचे लगाकर ओवन का ढ़क्कन बंद कर दिया। इसके बाद दूसरे सांचे तैयार करने लगे। आधा घंटे बाद तेज धमाका हुआ। गैस चारों तरफ फैल गई। धमाके के बाद उठी लपटों की चपेट में सभी श्रमिक आ गए। बुरी तरह से झुलस गए। ओवन का एक हिस्सा भी ढह गया। बेकरी के ऊपर लगी टिनशेड उड़ गई।
धमाके से भूतल पर काम कर रहे श्रमिक ऊपर पहुंचे। वो गंभीर रूप से झुलसे हुए श्रमिकों को भूतल पर लेकर आए। आसपास के लोग जुट गए। 20 मिनट बाद पुलिस और मुख्य अग्निशमन अधिकारी दमकल के साथ पहुंच गए। बेकरी के अन्य श्रमिक भी जुट गए। उन्होंने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। झुलसे हुए श्रमिकों को अस्पताल ले जाने में देरी करने का आरोप लगाया। एंबुलेंस नहीं आई थी। इस पर पुलिस और दमकलकर्मियों ने घायलों को अपनी गाड़ियों से एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी भेजा। वहां से उन्हें घटिया स्थित केपी मेडिकल इंस्टीट्यूट रेफर कर दिया गया।
श्रमिक आकाश, वीकेश, सुशांत, नारद और कृष्णा की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें डॉक्टर दिल्ली रेफर करने की तैयारी में लगे थे। हादसे की जानकारी पर अपर पुलिस आयुक्त संजीव त्यागी, डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय भी घटनास्थल पर पहुंचे। अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि हादसा गैस का दबाव अधिक होने पर ओवन फटने से बताया गया है। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों से जांच कराई जाएगी।
इस हादसे के बाद ब्रेड बेकरी में श्रमिकों ने हंगामा किया। सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ओवन को चलाने के लिए एलपीजी सिलिंडर का प्रयोग किया जा रहा था, जबकि एलपीजी का प्रयोग होना चाहिए। जिस समय हादसा हुआ, उस समय बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ श्रमिक जलते हुए खुद ही बाहर निकलकर आए। कुछ को अन्य साथियों ने ही निकाला। एंबुलेंस तक नहीं बुलाई गई। ओवन में गैस के अत्यधिक दबाव हादसे की वजह बना। वहीं अग्निशमन विभाग ने भी जांच की। बेकरी संचालित करने के लिए फायर एनओसी नहीं ली गई थी। इस पर नोटिस भेजने की तैयारी है।
एटा के रहने वाले गोविंद और सिंटू बेकरी में ठेकेदारी पर श्रमिक लगाने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि दिन और रात की शिफ्ट में कर्मचारी काम करते हैं। जिस ओवन में धमाका हुआ, वह पहली मंजिल पर लगा हुआ है। ओवन में एलपीजी की सप्लाई भूतल पर लगे 4 से 8 सिलिंडर से की जाती है। मगर, इन सिलिंडर में गैस का दबाव अलग-अलग होता है। इसे देखने के लिए एक ही मीटर लगा हुआ था, जबकि प्रत्येक सिलिंडर पर मीटर लगा होना चाहिए, जिससे दबाव बदलने पर एक जैसा किया जा सके। वहीं आग लगने पर बचाव के इंतजाम नहीं थे। अगर, गैस का दबाव 40 से ऊपर जाता है तो उसको बंद कर दिया जाता है।
घटना की जानकारी पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि ओवन में एलपीजी की सप्लाई हो रही थी। माैके पर 12 से अधिक सिलिंडर भी मिले हैं। परिसर में आग बुझाने के इंतजाम किए गए थे। कर्मचारियों ने बताया कि एक महीने पहले ही बेकरी की शुरूआत हुई है। फायर एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया गया था। इस पर संचालक को नोटिस जारी किया जाएगा। प्राथमिक पड़ताल में धमको होने के पीछे गैस का अत्यधिक दबाव होने की आशंका है। हालांकि जांच के बाद भी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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