आईसीसी ने स्टंपिंग और कन्कशन के नियमों में किया बदलाव
यदि कोई टीम स्टंपिंग की प्रक्रिया में कैच-बिहाइंड भी चेक करवाना चाहती है तो उसे अब कैच-बिहाइंड अपील के लिए अलग से डीआरएस विकल्प का उपयोग करना होगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने नए साल पर खेल के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के बाद खिलाड़ी नियमों का इस्तेमाल गलत तरीके से फायदा उठाने के लिए नहीं कर पाएंगे। आईसीसी द्वारा बदले गए नियम में सबसे बड़ा स्टंपिंग को लेकर है। इससे जुड़े रिव्यू अब सिर्फ साइड-ऑन कैमरों को देखकर ही लिए जाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि थर्ड अंपायर के पास जब स्टंपिंग को लेकर अपील पहुंचेगी तो वह यह नहीं देखेंगे कि गेंद बल्ले से लगी या नहीं। वह सिर्फ स्टंपिंग को लेकर फैसला सुनाएंगे।
आईसीसी द्वारा बदले गए नियम 12 दिसंबर, 2023 से लागू हो गए हैं। यदि कोई टीम स्टंपिंग की प्रक्रिया में कैच-बिहाइंड भी चेक करवाना चाहती है तो उसे अब कैच-बिहाइंड अपील के लिए अलग से डीआरएस विकल्प का उपयोग करना होगा। पिछले साल की शुरुआत में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने टीम के डीआरएस विकल्प को समाप्त किए बिना स्टंपिंग के बाद विकेट के पीछे कैच को लेकर रिव्यू का उपयोग किया था।
आईसीसी के नए संशोधन में कहा गया है, "नया नियम स्टंपिंग के रिव्यू को केवल स्टंपिंग की जांच तक ही सीमित रखता है, इसलिए फील्डिंग टीम को रिव्यू के दौरान किसी अन्य तरह से आउटके जांच के लिए मुफ्त में रिव्यू नहीं मिलेंगे।
आईसीसी ने कन्कशन रिप्लेसमेंट नियम में भी अधिक स्पष्टता ला दी है। अगर कन्कशन हुए खिलाड़ी को गेंदबाजी से निलंबित कर दिया जाता है तो उसके स्थान पर आए सब्सीट्यूट खिलाड़ी को गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा आईसीसी नेमैदानी चोट के आकलन और उपचार के लिए निर्धारित समय को चार मिनट तक सीमित कर दिया है।
आईसीसी के इन नियमों में बदलाव के साथ बीसीसीआई ने पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान लागू किए गए डेड बॉल और प्रति ओवर दो बाउंसर के नियम को शुक्रवार से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी में भी जारी रखने का फैसला किया है।
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