आईओए चुनाव, संविधान को अपनाने को लेकर फैसले के पालन का न्यायालय का निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी समिति के चुनाव और संविधान को अपनाने को लेकर उसके दस अक्टूबर और तीन नवंबर के फैसले का पूरी ईमानदारी के साथ पालन हो ।
नयी दिल्ली, 15 नवंबर 2022, (आरएनआई)। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी समिति के चुनाव और संविधान को अपनाने को लेकर उसके दस अक्टूबर और तीन नवंबर के फैसले का पूरी ईमानदारी के साथ पालन हो ।
मुख्य न्यायाधीश डी वाइ चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली तथा जे बी पर्डीवाला की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आश्वासन दर्ज किया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एल एन राव द्वारा तैयार किये गए आईओए के संविधान को आईओए की सालाना आम बैठक में स्वीकार कर लिया गया है और इसमें किसी तरह का संशोधन न्यायालय की अनुमति से किया जायेगा ।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता राहुल मेहरा द्वारा दायर अवमानना याचिका का निपटारा किया जिसमें आरोप लगाया गया था कि संविधान के मसौदे को अपनाने और कार्यकारी समिति के चुनाव संबंधी न्यायालय के दस अक्टूबर और तीन नवंबर के निर्देशों का उल्लंघन हुआ है ।
मेहरा ने दावा किया था कि दस नवंबर को आईओए की एजीएम में संविधान के मसौदे को मंजूरी दी गई लेकिन बैठक के ब्यौरे में साफ है कि इसमें कुछ बदलावों को भी स्वीकृति दे दी गई है ।
तीन नवंबर को न्यायालय ने आईओए की कार्यकारी समिति के चुनाव दस दिसंबर को कराने की अनुमति दे दी थी ।
न्यायालय ने संविधान के मसौदे को आईओए के सदस्यों में बांटने की भी अनुमति दे दी थी ताकि दस नवंबर को आईओए की एजीएम में इसे अपनाया जा सके ।
समझा जाता है कि न्यायमूर्ति राव ने सभी पक्षों से बात की थी जिनमें आईओए, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और राज्य संघ शामिल हैं ।
What's Your Reaction?