आंबेडकर विवाद के सहारे आगे बढ़ेगी कांग्रेस की चुनावी तैयारी, इस तरह पार्टी को हो सकता है फायदा
दलित मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए पार्टी दिल्ली के विधानसभा क्षेत्रों में आंबेडकर रैलियां निकालकर लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। पार्टी ने इस मामले में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी बखूबी इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली में वापसी की संभावनाएं तलाश रही कांग्रेस पार्टी को आंबेडकर विवाद में अपना फायदा दिखाई दे रहा है। पार्टी का मानना है कि यदि आंबेडकर विवाद पर आम आदमी पार्टी और भाजपा को घेरा जा सके तो दलित समुदाय का मतदाता उसके साथ आ सकता है। यदि ऐसा होता है तो पार्टी को दिल्ली की 37 सीटों पर फायदा हो सकता है। ऐसे में दिल्ली विधानसभा की कई सीटें जीत में तब्दील की जा सकती हैं।
दिल्ली का लगभग 15 फीसदी मुसलमान मतदाता कांग्रेस के पक्ष में है। इससे कांग्रेस लगभग आठ सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। लेकिन इससे आगे बढ़ने के लिए उसे कम से कम दलित मतदाताओं का साथ चाहिए जो दिल्ली में लगभग 17 फीसदी की संख्या में रहते हैं। यदि दलित और मुसलमान मतदाता एक साथ एकजुट होकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करते हैें तो कांग्रेस दिल्ली में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 12 सीटों के साथ-साथ 25 अन्य सीटों पर भी बढ़त हासिल कर सकती है। पार्टी इसके लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है।
दलित मतदाताओं को अपने साथ लाने के लिए पार्टी दिल्ली के विधानसभा क्षेत्रों में आंबेडकर रैलियां निकालकर लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। पार्टी ने इस मामले में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी बखूबी इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। पार्टी एक रणनीति के साथ मल्लिकार्जुन खरगे को दिल्ली की विभिन्न सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए उपयोग करेगी। पार्टी का मानना है कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे उसके लिए काफी उपयोगी साबित हुए थे, उसी तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी वे पार्टी के पक्ष में दलित मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस की चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?