आंबेडकर विकास निगम में 16.85 करोड़ का भूमि घोटाला
लोकायुक्त के मुताबिक, एक शख्स ने शिकायत की थी कि विजयपुरा जिला अंबेडकर विकास निगम ने 2014 से 2018 तक भूमि स्वामित्व योजना के तहत अनुसूचित जाति की भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों को जमीन वितरित नहीं की। इसके बजाय लाभार्थियों के नाम पर फर्जी खरीद दस्तावेज बनाकर निगम के नाम का इस्तेमाल कर सही लाभार्थियों को भुगतान किए बगैर यह जमीन खरीद गई।
बेंगलुरु (आरएनआई) कर्नाटक के विजयपुरा जिला आंबेडकर विकास निगम में 16.85 करोड़ रुपये का भूमि आवंटन घोटाला सामने आया है। इसके तहत जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की भूमिहीन महिलाओं को बांटी जाने वाली जमीन हथियाने की साजिश रची गई। यह जानकारी शनिवार को लोकायुक्त की तरफ से जारी की गई।
लोकायुक्त के मुताबिक, एक शख्स ने शिकायत की थी कि विजयपुरा जिला अंबेडकर विकास निगम ने 2014 से 2018 तक भूमि स्वामित्व योजना के तहत अनुसूचित जाति की भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों को जमीन वितरित नहीं की। इसके बजाय लाभार्थियों के नाम पर फर्जी खरीद दस्तावेज बनाकर निगम के नाम का इस्तेमाल कर सही लाभार्थियों को भुगतान किए बगैर यह जमीन खरीद गई।
जांच के बाद 26 दिसंबर, 2024 को आईपीसी की कई धाराओं के तहत विजयपुरा लोकायुक्त पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। लोकायुक्त पुलिस ने 30 दिसंबर से पांच दिनों तक अंबेडकर विकास निगम के पूर्व जिला प्रबंधकों रेणुका सतरले, एस जी हडपाड़ा, सेवानिवृत्त तालुक विकास अधिकारी एस एस मनागिरी (सेवानिवृत्त) और निगम के वर्तमान जिला प्रबंधक और तालुक विकास अधिकारी के कार्यालय और आवासों पर छापे मारे थे।
जांच में सामने आया कि निजी बैंकों में अवैध रूप से खाते खोले गए, अयोग्य लाभार्थियों को जमीन आवंटित की गई और भूमि स्वामित्व योजना के तहत एक ही परिवार को जमीन आवंटित की गई। लोकायुक्त ने कहा कि जांच में सामने आया कि 2012 से 2018 तक भूमि स्वामित्व योजना से जुड़ी 23 फाइलें दफ्तर से गायब थीं। अब तक की तलाशी में पाया गया है कि 33 फाइलों में फर्जी खरीद दस्तावेज, पंजीकरण और स्टांप शुल्क रसीदें बनाई गई थीं। इससे सरकारी खजाने को लगभग 16.84 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले की जांच आगे जारी है।
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