अस्मा अर्शी को जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया

Jan 29, 2023 - 21:15
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अस्मा अर्शी को जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया

नई दिल्ली, 29 जनवरी (आरएनआई): महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और शिक्षाविद् सुश्री अस्मा अर्शी को कल शाम यहां एक महत्वपूर्ण समारोह में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के ग्लोबल लीडरशिप कॉन्क्लेव में सम्मानित किया गया। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी फॉर पीस द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में यह मानद उपाधि राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ क्षेत्र में आजाद भवन हॉल में ऑन स्काई ग्लोबल यूएसए और न्यू जर्नी द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य ग्लोबल लीडरशिप कॉन्क्लेव 2023 के लिए श्रीलंकाई केंद्र द्वारा प्रदान की गई थी। शांति अध्ययन के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. रियाज सुलेमान लिब्बी ने अपना हाथ दिया और महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए उनकी और उनके ट्रस्ट की सेवाओं की सराहना की। उन्हें असमरशी केंद्र द्वारा शांति पुरस्कार के राजदूत से भी सम्मानित किया गया। शांति अध्ययन के लिए। दोनों पुरस्कारों के साथ धन्यवाद पत्र प्रदान किए गए। दिन भर चले इस कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. वरुण गुप्ता, शिक्षाविद् और न्यू जर्नी के चेयरमैन पवन कुमार शामिल हुए।
इस लीडरशिप कॉन्क्लेव में जीवन के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाली कुछ अन्य हस्तियों को भी सम्मानित किया गया।
इस कॉन्क्लेव में मुख्य भाषण देते हुए डॉ रियाज सुलेमान लाबाइन ने भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कौशल आधारित शिक्षा के प्रभाव पर प्रकाश डाला। आर्थिक विकास में विकास और समृद्धि के आधार की तलाश करते हुए उन्होंने कहा कि कुशल श्रमिकों के बिना विकास संभव है नहीं, इसीलिए व्यावसायिक शिक्षा का अधिकतम विकास किया जाना चाहिए। ज्ञान अर्थव्यवस्था इस सदी की अर्थव्यवस्था में मानव संसाधनों के महत्व के आधार पर काम कर रही है। कंप्यूटर पर बढ़ती निर्भरता के साथ ज्ञान के तेजी से विस्तार ने पुरानी व्यावसायिक समस्याओं को हल किया है। जो विकसित विश्व की अर्थव्यवस्था को इस प्रकार बदल रहा है कि वह बौद्धिक पूंजी और कौशल पर निर्भर है कि उत्पादन प्रक्रिया पर उसकी निर्भरता कम होती जा रही है। ऐसे में टेक्नोलॉजी, रिसर्च और आविष्कार की तरक्की से नॉलेज इकोनॉमी को ताकत मिल रही है। इस पूरी प्रक्रिया में कुशल कामगारों की बहुत आवश्यकता होती है, इसलिए निरंतर व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है। उच्च शिक्षा संस्थानों को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
अन्य वक्ताओं ने भी जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका के प्रति आकर्षित होने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, युवा महिला पत्रकार भारती पांडे ने संस्था के कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया।समुद्र तट पर विभिन्न सांस्कृतिक समूहों ने अपने नृत्य, गायन और जादू का प्रदर्शन किया। हाइलाइट्स प्रस्तुत करते रहें अपने क्षेत्र में नए और सराहनीय कार्य के लिए।

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Ashhar Hashimi Urdu Journalist, Columnist, Poet, Fiction Writer, Author, Translator, Critic, Political Analyst-Commentator and Social Activist | Worked as Editor for UNI Urdu, Azad Hind (Kolkata), Qaumi Awaz (Delhi), Aalami Urdu Service and Urdu Daily Qasid