अस्पताल में नाबालिग का गर्भपात, डाॅक्टर लापता, आयोग की कलेक्टर, CMHO को फटकार
भोपाल (आरएनआई) स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा अयोध्या बायपास रोड स्थित होप अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए संचालन बंद करवा दिया गया है। अस्पताल में आगामी आदेश तक कोई भी चिकित्सकीय गतिविधियां संचालित नहीं की जा सकेंगी। अस्पताल द्वारा नाबालिग के गर्भपात की खबर पर त्वरित संज्ञान लेते हुए सी एम एच ओ द्वारा यह कार्रवाई की गई है। अस्पताल को एम टी पी एक्ट के तहत अनुज्ञा न होने के कारण पुलिस को सूचना देकर विधि सम्मत कार्यवाही हेतु लिखा गया है। वही मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एव सीएमएचओ, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई के सम्बन्ध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के दल द्वारा 5 अप्रैल को होप अस्पताल का निरीक्षण किया गया था । निरीक्षण के दौरान अस्पताल बंद मिला। अभिलेखों के परीक्षण में पाया गया कि अस्पताल को एम टी पी एक्ट की अनुमति नहीं थी। निरीक्षण दल द्वारा पंचनामा बनाकर अस्पताल पर नोटिस चस्पा किया गया है। अस्पताल के विरुद्ध मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं अधिनियम 1977 एवं एम टी पी एक्ट 1971 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि समय-समय पर निजी अस्पतालों, क्लीनिक , पैथोलॉजी एवं रेडियोडायग्नोस्टिक सेंटर का निरीक्षण करवाया जाता है। इसी क्रम में विगत दिनों अल्फा डायनेस्टिक सेंटर को बंद किया गया था। स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा नर्सिंग होम एवं क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट एवं अन्य संबंधित अनुमतियों का उल्लंघन पाए जाने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जावेगी।
दरअसल भोपाल जिले के होप अस्पताल में एक नाबालिग के गर्भपात कराने का मामला सामने आया था। जानकारी के अनुसार पीड़िता किशोरी के मौसा ने उसके साथ दुष्कर्म किया और पीड़िता की मां को जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने को कहा। घटना के बाद किशोरी के मामा, मामी और मौसा ने करोंद स्थित होप अस्पताल में किशोरी का गर्भपात कराया। पुलिस ने किशोरी की शिकायत पर उसके मौसा, मौसी, मामा और मामी के खिलाफ दुष्कर्म की विभिन्न धाराओं, गर्भपात करने और पाॅक्सो के तहत मामला दर्ज किया है। घटना के बाद अस्पताल का डाॅक्टर फरार है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एव सीएमएचओ, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्रवाई के सम्बन्ध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?