असली अपराधी का पता न लगने से खफा जूनियर डॉक्टर, सीबीआई के खिलाफ 30 अक्तूबर को निकालेंगे रैली
आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को करीब ढाई महीने का समय बीत चुका है। बावजूद इसके अभी तक असली अपराधी का पता नहीं चल पाया है। इससे जूनियर डॉक्टर खफा हैं। उन्होंने एक सामूहिक सम्मेलन कर 30 अक्तूबर को सीबीआई के खिलाफ रैली निकालने का फैसला किया है।
कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर अब 30 अक्तूबर को सीबीआई कार्यालय तक रैली निकालने का फैसला किया है। इससे पहले, जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद अपना अनशन खत्म कर दिया था।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक सामूहिक सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें विभिन्न मेडिकल संस्थानों, समाज और बंगाली मनोरंजन उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। छह घंटे से अधिक समय तक चला सम्मेलन इस उद्देश्य से आयोजित किया गया कि राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करे। इस दौरान उन्होंने आरजी कर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अपनी आगामी रणनीति भी तैयार की। सम्मेलन के बाद, सभी ने मोमबत्ती और मशाल रैली निकालकर आरजी कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग की।
आंदोलनकारी डॉक्टरों में से एक अनिकेत महतो ने कहा कि हमारी प्यारी बहन, जिसकी नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी, ढाई महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी पता नहीं चला है कि असली अपराधी कौन है। इसलिए, आज के सामूहिक सम्मेलन में हमने सीबीआई के खिलाफ एक रैली आयोजित करने का फैसला किया है।
एक अन्य डॉक्टर देबाशीष हलदर ने कहा कि कुछ डॉक्टरों द्वारा शुरू किया गया विरोध प्रदर्शन अब व्यापक रूप ले चुका है। हम जानना चाहते थे कि अस्पताल के सेमिनार हॉल (जहां शव मिला था) में क्या हुआ था। हमें नहीं पता था कि यह आंदोलन इतने लंबे समय तक चलेगा और हमें इतने सारे लोगों का समर्थन मिलेगा।
इस दौरान जूनियर डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि आरजी कर अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के कारणों की सच्चाई को दबाने के साथ ही घटना के पीछे दोषियों को बचाने की कोशिश की गई। आंदोलनकारी किंजल नंदा ने कहा कि हम जानना चाहते थे कि सच्चाई क्या है और इसीलिए हमने मजिस्ट्रेट जांच के लिए दबाव डाला था। सच्चाई को दबाने की कोशिश की गई है। हम न केवल न्याय चाहते हैं बल्कि हम सिस्टम को भी साफ करना चाहते हैं।
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