असम में बाढ़ से हालात गंभीर, 12 लाख से ज्यादा लोग फंसे
गुवाहाटी में भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बताया कि असम के अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कोकराझार जिले में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
गुवाहाटी (आरएनआई) असम में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। हालांकि राहत की बात ये है कि अब कई इलाकों में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। गुवाहाटी में भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बताया कि असम के अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कोकराझार जिले में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में हालात और बिगड़ने की आशंका है।
मौसम के पूर्वानुमान में बताया गया है कि अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों और असम और मेघालय के दक्षिणी हिस्सों में कम से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा है।' इस बीच, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की शुक्रवार रात की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से सात और लोगों की मौत हो गई है और 23 जिलों में 12.33 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इस साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और बिजली गिरने से जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 106 हो गई है। असम का धुबरी जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 3.18 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसके बाद कछार में लगभग 1.5 लाख लोग और गोलाघाट में 95,000 से अधिक लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है। चूंकि अधिकांश क्षेत्रों में बारिश रुक गई है, इसलिए स्थिति में और सुधार होने की संभावना है।'
प्रशासन 18 जिलों में 316 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है, जो वर्तमान में 2,95,651 विस्थापित लोगों की देखभाल कर रहे हैं। राज्य सरकार ने पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के बाढ़ पीड़ितों के बीच 3,621.01 क्विंटल चावल, 666.3 क्विंटल दाल, 6,266.61 क्विंटल नमक और 11,446.82 लीटर सरसों का तेल वितरित किया है। वर्तमान में, 2,406 गांव जलमग्न हैं और असम में 32,924.32 हेक्टेयर फसल क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्य भर के कई जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं इसकी सहायक नदियां चेनीमारी में बुरहिडीहिंग और नांगलमुराघाट में दिसांग इलाके में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। एएसडीएमए ने कहा कि बराक नदी की सहायक नदी कुशियारा भी करीमगंज शहर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ के कारण राज्य भर में 6,67,175 से अधिक पालतू पशु और मुर्गियां प्रभावित हुई हैं।
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