असम: बाढ़ से असम में हालात बिगड़े, 22 लाख लोग प्रभावित, 77 जंगली जानवरों की मौत
बाढ़ के चलते असम में शुक्रवार तक 77 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि जलमग्न काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से 94 जानवरों को बचा लिया गया है।
गुवाहाटी (आरएनआई) असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पूर्वोत्तर राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बाढ़ से करीब 22 लाख लोग प्रभावित हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने डिब्रूगढ़ में बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया। राज्य के 29 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। हालात ये हैं कि असम हाल के वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
बाढ़ के चलते असम में शुक्रवार तक 77 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि जलमग्न काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से 94 जानवरों को बचा लिया गया है। राज्य में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है जबकि तीन लोग लापता हैं। इनमें से बाढ़ में 52 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य लोगों की भूस्खलन और तूफान के कारण जान गई। राज्य में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित धुबरी जिला है, जहां 6.48 लाख लोग बाढ़ से त्रस्त हैं। दरांग जिले में 1.90 लाख और कछार में 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को गंभीर रूप से बाढ़ से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से लौटने के बाद देर रात अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा, 'डिब्रूगढ़ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद, हमने 'असम आरोग्य निधि-एक स्वास्थ्य वित्तीय सहायता योजना' सहित कई मामलों की समीक्षा की।' सरमा ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों से विशेष रूप से 'दुर्लभतम मामलों और उन लोगों के आवेदनों को प्राथमिकता देने के लिए कहा है जो किसी मौजूदा योजना के तहत कवर नहीं हैं।
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