अवयस्क को रास्ते से ले जाने वाले को ३ वर्ष का सश्रम कारावास
गुना (आरएनआई) स्कूल जा रही अवयस्क को ले जाने वाले आरोपी को सत्र न्यायाधीश गुना वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने ३ वर्ष के सश्रम कारावास और ₹ १०००/- के अर्थदंड से दंडित किया। लोक अभियोजक अलंकार वशिष्ठ ने बताया कि अभियोजन कहानी के अनुसार दिनांक ३०.१.२३ को फरियादी ने थाना कैंट में जाकर उसकी अवयस्क पुत्री आयु १४ वर्ष स्कूल पढ़ने के लिए गई थी शाम को घर लौटकर नहीं आई तब उसने और उसकी पत्नी ने आस पड़ोस मोहल्ले में, स्कूल और रिश्तेदारों में सभी जगह तलाश किया लेकिन कहीं भी पता नहीं चला। फरियादी ने आरोपी पर शंका भी जाहिर की थी कि आरोपी और विशाल ठाकुर उसकी पुत्री को शादी के लिए बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गए हैं, उक्त सूचना पर से थाना कैंट में आरोपी के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधि की धारा ३६३ में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। जांच में संदेही आरोपी विशाल ठाकुर का हटाकर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में आई साक्ष्य से यह प्रमाणित पाया गया कि घटना दिनांक को अपहर्ता १४ वर्ष की थी और यह भी प्रमाणित पाया गया कि आरोपी राहुल, अपहर्ता को उसके साथ ट्रेन में बिठाकर ले गया था और अगले दिन उसे गुना स्टेशन छोड़ दिया था। अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के पश्चात् न्यायालय ने माना कि अभियोजन सन्देह से परे यह प्रमाणित करने में पूर्णतः सफल रहा है कि घटना दिनांक को ३०- १- २३ को आरोपी ने अपहर्ता का अपहरण किया। सत्र न्यायाधीश गुना श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने आरोपी राहुल परिहार पिता लाखन सिंह परिहार निवासी जिला गुना को भारतीय दण्ड विधि की धारा ३६३ में दोषसिद्ध किया जाकर ३ वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹ १०००/- के अर्थदंड से दण्डित किया। मामले में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से लोक अभियोजक अलंकार वशिष्ठ ने पैरवी की।
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