अलीगढ़ में बंदर खा गए 35 लाख रुपये की चीनी
अलीगढ़ में स्थित साथा चीनी मिल पर किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट हुई थी, इस ऑडिट में 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विंटल चीनी कम पाई गई।
अलीगढ़ (आरएनआई) अलीगढ़ में मौजूद साथा चीनी मिल की वर्ष 1975 में स्थापना की गई थी। इस चीनी मिल के अलीगढ़ में लगने से आसपास के गन्ने की खेती करने वाले किसानों ने राहत की सांस ली थी। इस चीनी मिल के बीच मे कई बार बंद होने और गन्ना किसानों के भुगतान न होने पर किसानों ने प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब ये मील लगातार किसानों को नई उम्मीद देता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन इसी बीच एक ऐसी घटना सामने आई जिसको सुनने के बाद हर कोई हैरत में रह गया। आरोप भी ऐसे जिसे सुनने के बाद इंसान तो इंसान बेजुबान भी हैरत में पड़ जायेगा। मामला जब उजागर हुआ तो अधिकारी भी संशय में पड़ गए और लगे आरोपों को सर से खारिज करते हुए विभागीय अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।
30 दिन में करीब 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विंटल चीनी को बंदरों द्वारा खाने का आरोप लगा है। इन आरोपों को लगने के बाद जांच करने आई टीम ने खारिज कर दिया है। चीनी मिल के जिम्मेदारों का दावा है कि यहां मिल पर बंदरों का अच्छा खासा आतंक रहता है। यही कारण है कि भारी मात्रा में आये बंदरों की तरफ से एक महीने तक चीनी मिल में तांडव करते हुए करीब 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विटल की चीनी को चट कर लिया है, लेकिन सवाल ये उठता है कि इतनी तादाद में चीनी मिल में आकर बंदरों की तरफ से इतनी चीनी को खत्म कर दिया जाता है और विभाग हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहता है।
अलीगढ़ में स्थित साथा चीनी मिल पर किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट हुई थी, इस ऑडिट में 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विंटल चीनी कम पाई गई। जिसकी रिपोर्ट तैयार करने के बाद कमेटी की तरफ से आला अधिकारियों को दी तो विभाग भी असमंजस में पड़ा हुआ है। इस मामले में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित छह लोगों को प्राथमिक तौर पर दोषी माना गया है और बंदरों के चीनी खाने वाले जबाब को सिरे से नकार दिया गया है। पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद गन्ना आयुक्त को भेजी गई है। इतनी बड़ी मात्रा में चीनी का बंदरों के खाए जाने और बारिश में खराब होने का मामला सामने आने के बाद बड़े चीनी घोटाले की चर्चा भी शुरू हो चुकी है। विभाग को ही इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आला अधिकारियों की तरफ से इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां और पंचायत लेखा परीक्षा ने किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का ऑडिट पिछले दिनों कराया था। इसके तहत साथा चीनी मिल के 31 मार्च 2024 तक अंतिम स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया। 1 अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक चीनी के स्टॉक का मिलान हो गया। इसके बाद फरवरी 2024 में चीनी का स्टॉक 1538.37 क्विंटल था. मार्च 2024 में यह स्टॉक घटकर 401.37 क्विंटल रह गया। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 1137 क्विंटल सफेद चीनी बंदरों और बारिश के कारण खराब होने का हवाला दिया गया था, लेकिन कुछ चीनी मिल में ही मिली लेकिन लाखो रुपये की चीनी को बंदरों के खाने का हवाला दिया गया है।
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