अरुणाचल प्रदेश में गाय का पहला सफल कृत्रिम गर्भाधान, मंत्री बोले- बढ़ेगी पशुपालकों की आमदनी
अरुणाचल प्रदेश में पहली बार गाय के कृत्रिम गर्भाधान में सफलता मिली है। प्रदेश सरकार के डेयरी मंत्री ने इसे किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने में मददगार कामयाबी बताया है।

ईटानगर (आरएनआई) अरुणाचल प्रदेश में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान में सफलता मिली है। अधिकारियों ने बताया कि आयातित सेक्स-सॉर्टेड होल्स्टीन फ्रीजियन वीर्य का उपयोग करके राज्य में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान सफलतापूर्वक किया गया। डेयरी विकास विभाग ने बताया कि ईटानगर के पास निरजुली में केंद्रीय मवेशी प्रजनन फार्म में शुक्रवार को सफल कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। आयातित वीर्य का उपयोग करके पहली गाय का गर्भाधान किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त डेयरी लाइनों से मंगाए गए इस वीर्य की मदद से स्थानीय पशुधन की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिलती है।बेहतर नस्ल मानकों का ध्यान रखने पर बेहतर दूध उत्पादन होता है। राज्य के डेयरी विकास विभाग ने हाल ही में साबरमती आश्रम गौशाला से खरीदे गए सेक्स-सॉर्टेड वीर्य का उपयोग करते हुए शनिवार को कृत्रिम गर्भाधान का एक और प्रयास किया है। अधिकारियों के मुताबिक सेक्स-सॉर्टेड वीर्य तकनीक की शुरूआत अरुणाचल प्रदेश में प्रजनन प्रथाओं में क्रांति लाएगी।
इससे अधिक मादा बछड़ों का जन्म सुनिश्चित होगा। जिससे गाय के दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। उत्पादन बढ़ने पर किसानों की आजीविका भी बढ़ेगी। कृषि, बागवानी और डेयरी विकास मंत्री जी डी वांगसू ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, लिंग-सॉर्टेड वीर्य प्रौद्योगिकी का उपयोग अरुणाचल प्रदेश के डेयरी क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होने की उम्मीद है, जिससे किसानों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। दूध उत्पादन में सुधार होगा और अंततः राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
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