'ये क्या हो रहा है?' अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के पनामा में फंसे होने पर कांग्रेस का केंद्र से सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमने सोचा था कि ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीय नागरिकों को सम्मान के साथ भारत वापस भेजा जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया अमानवीय और अपमानजनक रही है। अब और भारतीयों को पनामा भेजे जाने की खबरें आ रही हैं। ये क्या हो रहा है?

नई दिल्ली (आरएनआई) अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने का सिलसिला जारी है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत 50 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से पनामा भेजा है, जो वहां पर एक होटल में फंसे हुए हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि ये क्या हो रहा है?
कांग्रेस महासचिव रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमने सोचा था कि ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित भारतीय नागरिकों को सम्मान के साथ भारत वापस भेजा जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया अमानवीय और अपमानजनक रही है। अब और भारतीयों को पनामा भेजे जाने की खबरें आ रही हैं। ये क्या हो रहा है?'
कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया तब दी है, जब केंद्र सरकार ने एक दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका से आए भारतीयों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पनामा में अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पनामा में भारतीय दूतावास ने एक्स पर लिखा, 'पनामा के अधिकारियों ने हमें बताया है कि भारतीयों का एक समूह अमेरिका से पनामा पहुंचा है। वे एक होटल में सुरक्षित हैं और हम उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने 299 अवैध अप्रवासियों के एक समूह को पनामा भेजा है, जिसमें 50 भारतीयों का समूह भी शामिल है। अवैध प्रवासियों का यह समूह पिछले सप्ताह तीन विमानों से पनामा पहुंचा। इस दौरान राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा था कि पनामा निर्वासितों के लिए एक पुल के रूप में काम करेगा।
अमेरिका से पनामा पहुंचे 299 अवैध प्रवासियों के समूह में से केवल 171 ही अपने मूल देश लौटने को सहमत हुए हैं। 98 निर्वासितों ने अपने देश वापस जाने से इनकार कर दिया। इन लोगों को पनामा के डेरियन प्रांत में एक शिविर में रखा गया है। राष्ट्रपति मुलिनो ने बताया कि अवैध प्रवासियों में अफगानिस्तान, चीन, भारत, ईरान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, उज्बेकिस्तान और वियतनाम के लोग शामिल हैं।
पनामा सिटी के होटल में ठहरे कुछ प्रवासियों ने खिड़की से बाहर मौजूद पत्रकारों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने होटल के कमरों की खिड़की से कुछ संदेश दिखाए, जिनमें लिखा था- 'मदद' और 'हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं।'
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