अमेरिका में तेज हुए विरोध-प्रदर्शन
अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फलस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। यहां पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी एक और सप्ताह जारी रही। पुलिस ने चार अलग-अलग विश्वविद्यालयों के परिसरों से करीब लगभग 275 लोगों को गिरफ्तार किया।
वॉशिंगटन (आरएनआई) हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध कॉलेज परिसरों में भी जारी हैं। पुलिस ने सप्ताहांत में करीब 275 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेरिका के विश्वविद्यालयों में फलस्तीनी समर्थक प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। यहां पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी एक और सप्ताह जारी रही।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों ने, जहां अमेरिका का झंडा लगा होता है, वहां फलस्तीनी झंडा लगाया।
हिल्टन होटल में व्हाइट हाउस के पत्रकारों का भोज होना था। यहां जो बाइडन के रात्रिभोज को संबोधित करने की उम्मीद थी। कार्यक्रम से पहले यहां फलस्तीनियों का समर्थन कर रहे लोग पहुंच गए। इनमें से कुछ ने होटल की सबसे ऊपरी मंजिलों में से एक पर फलस्तीनी झंडा लगा दिया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस पर तालियां बजाईं।
प्रदर्शनकारियों ने फलस्तीनी केफिए और तरबूज के प्रतीक वाले कपड़े पहने थे। उन्होंने वाशिंगटन हिल्टन के बाहर फलस्तीनी मुक्त के नारे लगाए। साथ ही कहा कि हम कवरेज की मांग करते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस्राइल और गाजा की खबरों को अधिक से अधिक दिखाने के मकसद से यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
पुलिस ने चार अलग-अलग विश्वविद्यालयों के परिसरों से करीब लगभग 275 लोगों को गिरफ्तार किया। बोस्टन में नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से 100, सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से 80, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से 72 और इंडियाना विश्वविद्यालय से 23 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
यूसीएलए में इस्राइल और फलस्तीनी समर्थकों के बीच झड़पों की सूचना मिली थी, जहां पिछले सप्ताह एक टेंट शिविर तैयार किया गया था।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों पर संज्ञान लिया। व्हाइट हाउस का कहना है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने चाहिए।
प्रदर्शनकारी लगातार हमास-इस्राइल युद्ध में संघर्ष विराम को लेकर आह्वान कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि देश ऐसे लोगों से संबंध खत्म कर दे, जिनका कहना है कि गाजा में संघर्ष से लाभ होता है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए यह विरोध-प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। प्रशासन शिकायतों के साथ स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्रति प्रतिबद्धताओं को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
जो बाइडन ने रविवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बात की। इस दौरान, उन्होंने गाजा सीमावर्ती शहर राफा पर संभावित हमले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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