'अमेरिका, ट्रंप को भूलने के लिए तैयार', कमला हैरिस का आरोप- देश को बांट रहे हैं पूर्व राष्ट्रपति
कमला हैरिस ने जोर देकर कहा कि वह अवैध आव्रजन पर सख्त रहेंगी और विवादित तेल गैस फ्रैकिंग तकनीक का भी समर्थन करेंगी। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि वह अपने उदार मूल्यों को नहीं छोड़ेंगी।
वॉशिंगटन (आरएनआई) कमला हैरिस ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका अब डोनाल्ड ट्रंप के बारे में भूलने और देश को नया रास्ता तय करने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कमला हैरिस ने एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही। ट्रंप द्वारा अक्सर कमला हैरिस को अति उदारवादी नेता बताया जाता है। जब इंटरव्यू में इसे लेकर सवाल किया गया तो कमला हैरिस ने खुद को मध्यमार्गी बताया।
कमला हैरिस ने जोर देकर कहा कि वह अवैध आव्रजन पर सख्त रहेंगी और विवादित तेल गैस फ्रैकिंग तकनीक का भी समर्थन करेंगी। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि वह अपने उदार मूल्यों को नहीं छोड़ेंगी। अमेरिका की पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई मूल की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने आरोप लगाया कि 'ट्रंप ऐसा माहौल बना रहे हैं, जो बतौर अमेरिकी हमारे चरित्र को कमजोर कर रहा है। वह देश को बांट रहे हैं।
ट्रम्प ने हैरिस को 'सबसे बड़ी पलटूबाज' करार दिया है। मिशिगन में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कमला हैरिस का मजाक बनाया और कहा कि वह तो नेता जैसी दिखती भी नहीं हैं। कमला हैरिस ने ट्रंप की प्रतिक्रिया पर कोई जवाब नहीं दिया और राजनीतिक रूप से अहम मुद्दों पर ही बात की। कमला हैरिस ने इंटरव्यू के दौरान तेल गैस के लिए फ्रैकिंग तकनीक की मदद लेने का भी समर्थन किया। गौरतलब है कि पहले कमला हैरिस इसका विरोध कर चुकी हैं। साथ ही हैरिस ने मेक्सिको बॉर्डर से होने वाले अवैध आव्रजन का विरोध किया।
कमला हैरिस ने गाजा में युद्धविराम का समर्थन किया, लेकिन ये भी कहा कि वह इस्राइल को समर्थन और हथियारों की सप्लाई जारी रखेंगी और इस मामले में राष्ट्रपति जो बाइन की नीतियों को ही जारी रखेंगी। अपने वामपंथी समर्थकों को संबोधित करते हुए कमला हैरिस ने कहा कि 'वह अपने मौलिक रूप में बदलाव नहीं करेंगी।' उन्होंने कहा कि 'मेरे मूल्य नहीं बदले हैं।' कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 10 सितंबर को पहली बार बहस होगी और यह बहस फिलाडेल्फिया में होगी। फिलहाल विभिन्न सर्वेक्षणों में कमला हैरिस ने ट्रंप पर बढ़त बनाई हुई है, लेकिन यह बढ़त बेहद मामूली है और माना जा रहा है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
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