अमेरिका और भारत ने जताई प्रतिबद्धता
अमेरिका और भारत के बीच वाशिंगटन में अमेरिका-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 20वीं बैठक हुई। यहां दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया।
वॉशिंगटन (आरएनआई) अमेरिका और भारत ने स्वतंत्र व खुले हिंद-प्रशांत को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों देशों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हुए क्षेत्र के भीतर साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड आतंकवाद रोधी कार्य समूह और अन्य बहुपक्षीय मंचों में सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों पक्षों ने विभिन्न आतंकवादी संगठनों/समूहों और व्यक्तियों को नामित करने की प्रक्रियाओं के बारे में भी जानकारी का आदान-प्रदान किया।
अमेरिका और भारत ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत का समर्थन किया, जो समावेशी और लचीला है। साथ ही क्षेत्र के भीतर साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड आतंकवाद रोधी कार्य समूह और अन्य बहुपक्षीय मंच जैसे संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक आतंकवाद रोधी मंच और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल जैसी प्रक्रियाओं में सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अमेरिका और भारत के बीच वाशिंगटन में पांच मार्च को यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 20वीं बैठक हुई। यहां अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद रोधी समन्वयक राजदूत एलिजाबेथ रिचर्ड और केंद्रीय विदेश मंत्रालय में आतंकवाद निरोध के संयुक्त सचिव राजदूत के डी देवल ने अपने-अपने अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।
दोनों देशों ने अमेरिका-भारत वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी के स्थायित्व पर जोर दिया। साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय सुरक्षा को उनके व्यापक द्विपक्षीय सहयोग के अभिन्न अंग के रूप में बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया।
बयान में कहा, 'दोनों पक्षों ने दोहराया कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। आतंकवाद का मुकाबला अमेरिकियों, भारतीयों और वैश्विक नागरिकों के लिए समृद्धि और शांति सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण तत्व है।
आगे कहा गया, दोनों देशों के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी से पता चलता है कि अमेरिका और भारत मानते हैं कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए समावेशी और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यह दृष्टिकोण उपयोगी जानकारी साझा करने और दोनों देशों में सुरक्षा, स्थिरता तथा विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारी एजेंसियों के बीच द्विपक्षीय समन्वय पर निर्भर करता है।
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