अमित शाह ने दिया संदेश, मप्र के सत्ता-संगठन में बदलाव नहीं, एकजुट रहें, यह कार्यकर्ताओं को दिखे भी
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मुख्य कमान संभालते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं। मात्र 24 घंटे की संक्षिप्त सूचना पर शाह भोपाल आए तो राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मच गई। डेढ़ घंटे की देरी से भोपाल पहुंचे शाह ने मंगलवार रात नौ बजे से भाजपा नेताओं के साथ बैठक प्रारंभ की, जो लगभग ढाई घंटे चली। शाह की बैठक से निकले भाजपा नेताओं के खिले हुए चेहरे बता रहे थे कि अब मप्र में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। बैठक में शाह ने साफ तौर पर कहा कि प्रदेश के सभी नेता अब एकजुट होकर आक्रामकता के साथ चुनाव मैदान में उतर जाएं। उनकी एकजुटता कार्यकर्ताओं को दिखे भी। उनके साथ मप्र विधानसभा चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भी भोपाल आए थे। चुनावी तैयारियों को परखने के लिए बुलाई गई इस बैठक में 13 नेता शामिल हुए। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल के अलावा गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा एवं कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं।
मप्र में कार्यकर्ताओं को साधने और उत्साह जगाने के लिए शाह ने सीधा संदेश दिया कि मप्र में विधानसभा का चुनाव उनके मार्गदर्शन में ही लड़ा जाएगा, इसलिए पूरे उत्साह से चुनावी तैयारी में जुट जाएं। नेताओं की अलग-अलग बयानबाजी पर भी विराम लगाने की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वे एकजुटता का संदेश दें। अब किसी तरह की खींचतान दिखाई नहीं पड़नी चाहिए।
अमित शाह फिर 30 जुलाई को भोपाल आएंगे। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र समिति, चुनाव समिति, चुनाव प्रबंधन सहित अन्य समितियों के गठन की तैयारी करके रखें, मैं 30 को इस पर चर्चा करूंगा। इसके साथ ही अब चुनावी तैयारियों की प्रतिदिन की रिपोर्ट शाह को भेजी जाएगी। शाह ने कहा कि अब वे मध्य प्रदेश में हर 15-20 दिन में आने की कोशिश करेंगे।
शाह ने सभी नेताओं से कहा कि वे मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतरें। शिवराज सरकार के नेतृत्व में जो काम हुआ है, उसे जनता के बीच पहुंचाना अब संगठन का काम है। इस बीच जल्द ही भाजपा विजय संकल्प अभियान की शुरुआत करेगी। इसकी रूपरेखा तय की जाएगी। उल्लेखनीय है कि शाह को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी गई है। उन्होंने प्रभारी भूपेन्द्र यादव द्वारा गुजरात में अपनाई गई सूक्ष्म कार्ययोजना का हवाला भी दिया और कहा कि हमें भी उसी तरह तैयारी करनी है। गुजरात और अन्य राज्यों के संगठन क्षमता वाले कार्यकर्ताओं को शक्ति केंद्र से जिले में लगाया जाए। बूथ और शक्ति केंद्र में भी लोगों को तैनात कर दिया जाए और एक महीने में सभी प्रभारी बैठकें कर मैदानी स्थिति का आकलन कर लें। इसमें संगठन की जिम्मेदारी बड़ी है, इसलिए प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री दोनों इस कार्य में जुट जाएं।
शाह ने बूथ स्तर से राज्य स्तर पर अब तक की गई चुनावी तैयारियों की समीक्षा भी की। मंगलवार रात को भोपाल में हुई पहली बैठक में प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों की चुनावी तैयारियों पर चर्चा की गई। शाह ने खासतौर से कांग्रेस व अन्य दलों वाली 103 विधानसभा सीटों पर अब तक की गई तैयारियों का ब्योरा मांगा। इन सीटों पर कांग्रेस की कमजोरियों और बूथ स्तर पर तैयारियों की जानकारी को विधानसभावार तैयार करने के लिए कहा है। वोट प्रतिशत 51 करने के अब तक किए गए गए प्रयासों पर भी उन्होंने बातचीत की।
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