अभ्युदय जैन हत्याकांड की गुत्थी शीघ्र ही सुलझ सकती है, पुलिस को जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे

गुना (आरएनआई) जानकारी मिली है कि बुधवार को गुना आ रहे ग्वालियर झोन के पुलिस कमिश्नर अरविंद कुमार सक्सेना अपराधों की समीक्षा मीटिंग में इस केस की समीक्षा भी करेंगे। 14 जुलाई को शहर की चौधरन कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे अनुपम जैन अलका जैन के 15 साल के बेटे की लाश बाथरूम में मिली थी। घटना दिनांक को अनुपम जैन एक बैंक में भोपाल पोस्टेड होने से घर पर नहीं थे।
मृतक की मां अलका जैन द्वारा घटना के संबंध में पुलिस को बताया गया था कि वह चार बजे बैडमिंटन खेलने गई थी और शाम को करीब सवा छह वापस लौटी थी। घर का दरवाजा लॉक था उसने करीब पौने आठ बजे तक यानी करीब डेढ़ घंटे तक कमरे का दरवाजा खटखटाया, अभ्युदय को आवाज लगाई, मोबाइल पर कॉल किया लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो उसने नीचे ही रह रहे मकान मालिक के यहां से एक्स्ट्रा चाबी ली। ऊपर आकर दरवाजा खोलकर अभ्युदय को घर में ढूंढा नहीं मिला, जब बाथरूम में देखा तो अभ्युदय टॉवेल हैंगर में दोनों तरफ बंधे दुपट्टे से लटका था। दुपट्टा उसके गले में सामने की ओर अटक कर चिपका था। पैर लेगी से बंधे थे। उन्होंने बड़े चाकू की मदद से दुपट्टा काटा, लेगी काटी। रात करीब 08:00 बजे उनकी आवाज सुनकर मकान मालकिन नेहा जैन ऊपर आई। फिर नेहा ने अन्य लोगों को फोन लगाकर बुलवाया जो अभ्युदय को कार में रखकर अस्पताल ले गए। अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि घटना स्थल पर दिखाई दी गई परिस्थितियों से शुरू में यह मामला हत्या और आत्महत्या के बीच झूल रहा था। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्या के बाद आरोपी ने ही ऐसी परिस्थिति निर्मित की होंगी जिससे जांच एजेंसी भ्रम में रहे। लेकिन पीएम रिपोर्ट में गला घोंटने से दम घुटने पर मृत्यु संबंधी चिकित्सीय अभिमत सामने आने से यह साफ हो गया कि अभ्युदय की हत्या की गई है। पुलिस ने जांच में पाया कि घटना वाले दिन अभ्युदय को जीवित अवस्था में सबसे आखिरी बार दोपहर में करीब ढाई बजे तक मां के साथ देखा गया था। उसकी लाश भी मां ने ही सबसे पहले रात करीब 8 बजे देखी। पुलिस ने एफआईआर में घटना का समय दोपहर डेढ़ बजे से 8 बजे के बीच होना दर्ज किया है।
सूत्रों ने बताया कि अलका के बयान को आधार बनाकर पुलिस ने कई साक्षियों से पूछताछ की है। विवेचना में कई विरोधाभासी तथ्य सामने आए हैं। संदेहियों के मोबाइल कॉल डिटेल, घर के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज, पीएम रिपोर्ट, घटनास्थल से बरामद आर्टिकल्स और परिस्थितजन्य साक्ष्यों की कड़ियों को आपस में जोड़ते हुए तमाम सवालों का उत्तर खोजने की कोशिश की जा रही है। दुपट्टा बीच में से दो भागों में कटा मिलना इसी तरह लेगी तीन भागों में कटी मिलना, उनमें कोई गठान न मिलना जैसे रहस्य के बीच पुलिस निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। ताकि कोई चूक न हो।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक की विवेचना में कई बातें सामने आईं हैं जनका परिशीलन किया जा रहा है। कल गुना आ रहे आईजी अरविंद कुमार सक्सेना भी इस केस की प्रगति देखेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में बहुत कुछ साफ हो चुका है और कभी भी इस हत्याकांड का खुलासा हो सकता है।
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