'अभूतपूर्व आपदा थी कोरोना महामारी, टीकाकरण ने बचाई जानें', सुप्रीम कोर्ट में बोला केंद्र

केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी एक अभूतपूर्व आपदा थी और टीकाकरण ने कई लोगों की जान बचाई। शीर्ष कोर्ट टीकाकरण से कथित तौर पर दो लड़कियों की मौत पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही था। 

Dec 10, 2024 - 17:20
 0  378
'अभूतपूर्व आपदा थी कोरोना महामारी, टीकाकरण ने बचाई जानें', सुप्रीम कोर्ट में बोला केंद्र

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी एक ऐसी आपदा थी, जैसे पहले कभी नहीं देखी गई और टीकाकरण ने लाखों लोगों की जान बचाई। सरकार ने यह जवाब तब दिया, जब जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पी.बी. वराले की पीठ दो लड़कियों की कथित रूप से टीकाकरण से मौत को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी पेश हुए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी एक अभूतपूर्व आपदा थी। इस पर लड़कियों के परिजनों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कोलिन गोंसाल्विस ने जवाब दिया, हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। हम विवाद नहीं कर रहे हैं। 

याचिका दोनों लड़कियों (18 वर्षीय और 20 वर्षीय) के परिजनों की ओर से दायर की गई है। उनका कहना है कि कोविशील्ड टीके की पहली डोज लेने के बाद लड़कियों को गंभीर प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) का सामना करना पड़ा। 

भाटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड टीकाकरण के पहलुओं को समग्र रूप से देखा था और एईएफआई फैसला दिया था। उन्होंने कहा, अंत में यह संतुलन का सवाल है। कोरोना महामारी एक अभूतपूर्व आपदा थी और टीकाकरण ने महामारी के दौरान जीवन बचाए हैं। हमारे पास एक मजबूत नियामक तंत्र है। 

गोंसाल्विस ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने टीकाकरण के बाद अपनी बेटियों को खो दिया। इसके जवाब में पीठ ने कहा, कोर्ट ने इसे माना है, अब हमें इसे निपटाना होगा। इसके बाद भाटी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2022 में इस याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और सरकार का जवाबी हलफनामा रिकॉर्ड पर है। हालांकि, गोंसाल्विस ने कहा कि यह मामला टीकाकरण से जुड़े नुकसान का है, जिसमें उपचार के उपायों का खुलासा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने एक आवेदन दायर किया था, जिसमें सरकार से टीके के प्रतिकूल प्रभावों और उनके उपचार की जानकारी देने की मांग की गई थी। 

उन्होंने यह भी दलील दी कि 2021 में यूरोपीय देशों ने कोविशील्ड टीके के इस्तेमाल पर रोक लगा थी, क्योंकि यह खतरनाक था। पीठ ने गोंसाल्विस से कहा कि वे इस आवेदन की एक प्रति तीन दिन के भीतर केंद्र के वकील को दें। कोर्ट ने भाटी से कहा, हम आपको आवेदन पर जवाब देने के लिए समय दे रहे हैं, उसके बाद हम पूरे मामले को सुनेंगे। सरकार को चार हफ्ते के भीतर इस आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। उसके बाद मामले पर अगली सुनवाई होगी। 

Follow      RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.